न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 01 May 2020 05:01 AM IST
लॉकडाउन में भारत छोड़ते विदेशी (सांकेतिक)
– फोटो : social media
केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान देश से करीब 60 हजार विदेशी नागरिक अपने-अपने देश वापस लौट गए। मंत्रालय ने बताया कि 72 देशों ने अपने इन नागरिकों को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का खतरा देखते हुए विशेष विमान सेवाएं भेजकर वापस आने की व्यवस्था की।
मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, विदेश में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट किए जाने का मामला भी विचाराधीन है और सभी भारतीय दूतावासों के जरिये अनिवासी भारतीय समुदाय को हर संभव मदद दी जा रही है। बता दें कि सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद खाड़ी देशों और विश्व के अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को निकालने के मेगा प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए एक नौसैनिक जहाज के साथ सेना या नागरिक विमान को भेजा जा रहा है। श्रीवास्तव ने दो चीनी कंपनियों से आईं रैपिड टेस्टिंग किट से परीक्षण रोकने के आईसीएमआर के आदेश की चीन द्वारा आलोचना करने के मुद्दे पर कहा कि इस मामले को देश की शीर्ष चिकित्सा संस्था देख रही है।
श्रीवास्तव ने बताया कि भारत ने राहत सामग्री के तौर पर 25 देशों को 28 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) और 19 लाख पैरासिटामॉल की गोलियां भेजी हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर इन गोलियों की व्यवसायिक बिक्री भी अमेरिका समेत 87 देशों को की गई है। बता दें कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली एचसीक्यू (कुनैन की गोली) को यूएसएफडीए ने कोरोना संक्रमण के इलाज में सहायक बताया था। इसके बाद इन गोलियों की मांग बड़े पैमाने पर बढ़ गई है। इनके वैश्विक उत्पादन का 70 फीसदी निर्माण भारत में ही होता है।
केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि लॉकडाउन के दौरान देश से करीब 60 हजार विदेशी नागरिक अपने-अपने देश वापस लौट गए। मंत्रालय ने बताया कि 72 देशों ने अपने इन नागरिकों को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने का खतरा देखते हुए विशेष विमान सेवाएं भेजकर वापस आने की व्यवस्था की।
मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, विदेश में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट किए जाने का मामला भी विचाराधीन है और सभी भारतीय दूतावासों के जरिये अनिवासी भारतीय समुदाय को हर संभव मदद दी जा रही है। बता दें कि सरकार देशव्यापी लॉकडाउन के खत्म होने के बाद खाड़ी देशों और विश्व के अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को निकालने के मेगा प्लान पर काम कर रही है। इसके लिए एक नौसैनिक जहाज के साथ सेना या नागरिक विमान को भेजा जा रहा है। श्रीवास्तव ने दो चीनी कंपनियों से आईं रैपिड टेस्टिंग किट से परीक्षण रोकने के आईसीएमआर के आदेश की चीन द्वारा आलोचना करने के मुद्दे पर कहा कि इस मामले को देश की शीर्ष चिकित्सा संस्था देख रही है।
25 देशों को राहत सामग्री में दी एचसीक्यू की गोलियां
श्रीवास्तव ने बताया कि भारत ने राहत सामग्री के तौर पर 25 देशों को 28 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) और 19 लाख पैरासिटामॉल की गोलियां भेजी हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर इन गोलियों की व्यवसायिक बिक्री भी अमेरिका समेत 87 देशों को की गई है। बता दें कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली एचसीक्यू (कुनैन की गोली) को यूएसएफडीए ने कोरोना संक्रमण के इलाज में सहायक बताया था। इसके बाद इन गोलियों की मांग बड़े पैमाने पर बढ़ गई है। इनके वैश्विक उत्पादन का 70 फीसदी निर्माण भारत में ही होता है।
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