न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार
Updated Thu, 07 May 2020 07:52 PM IST
छत्तीसगढ़ की एक युवती ने दुष्कर्म के मामले में शांतिकुंज के चिकित्सक और उनकी पत्नी के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इस मामले की जांच हरिद्वार कोतवाली पुलिस करेगी।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में दर्ज हुई जीरो एफआईआर जल्द ही आईजी गढ़वाल रेंज कार्यालय से हरिद्वार पुलिस के पास पहुंच सकती है। इधर, हरिद्वार पुलिस के आला अफसर भी हाई प्रोफाइल मुकदमे की जांच को लेकर बृहस्पतिवार को रणनीति बनाने में जुटे रहे। वहीं, पूरे शहर में भी मुकदमे को लेकर चर्चा होती रही।
एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस का कहना है कि अभी एफआईआर यहां नहीं पहुंची है। वहीं शांतिकुंज परिवार ने मामले को पूरी तरह फर्जी बताते हुए इसे विश्व ख्यात संस्था को बदनाम करने की गहरी साजिश बताया है।
बता दें कि दिल्ली के विवेक विहार थाने में छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज के डॉक्टर और उनकी पत्नी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पांच मई को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि युवती (तब नाबालिग थी) वर्ष 2010 से 2014 तक शांतिकुंज में ही रही थी, उस वक्त वह खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी।
युवती ने डॉक्टर पर दुष्कर्म करने और पत्नी पर मामले को छिपाए रखने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि यह सिलसिला वर्ष 2014 तक चलता रहा। ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया। उसे किसी को भी इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर को शून्य में दर्ज कर उसे उत्तराखंड भेज दिया है।
प्रक्रिया के अनुसार एफआईआर पहले रेंज के आईजी कार्यालय पहुंचेगी, जहां से एसएसपी कार्यालय होते हुए कोतवाली में पहुंचेगी, फिर उसे हरिद्वार कोतवाली में क्राइम नंबर मिलेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि एफआईआर जब यहां पहुंचेगी, तब ही जांच शुरू की जा सकेगी।
शांतिकुंज के प्रचार विभाग की ओर से की जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पूरे घटनाक्रम को गहरी साजिश बताया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमें सारे आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं।
एक दशक पहले घटना होनी बताकर अब मुकदमा दर्ज कराना खुद ही इस बात को साबित करता है कि पूरा प्रकरण द्वेष भावना से प्रेरित होकर किया गया है। यह संस्था की ख्याति को नुकसान पहुंचाने की साजिश के साथ ही संस्था से जुड़े 16 करोड़ साधकों के लिए भी बेहद द़ुखद और हृदय विदारक है। यह भी कहा गया है कि संस्था हर तरह की जांच में सहयोग के लिए तैयार है।
सार
- दिल्ली के विवेक विहार थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
- हरिद्वार पुलिस करेगी शांतिकुंज के दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे की जांच
- शांतिकुंज ने बताया संस्था को बदनाम करने की गहरी साजिश
विस्तार
छत्तीसगढ़ की एक युवती ने दुष्कर्म के मामले में शांतिकुंज के चिकित्सक और उनकी पत्नी के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इस मामले की जांच हरिद्वार कोतवाली पुलिस करेगी।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में दर्ज हुई जीरो एफआईआर जल्द ही आईजी गढ़वाल रेंज कार्यालय से हरिद्वार पुलिस के पास पहुंच सकती है। इधर, हरिद्वार पुलिस के आला अफसर भी हाई प्रोफाइल मुकदमे की जांच को लेकर बृहस्पतिवार को रणनीति बनाने में जुटे रहे। वहीं, पूरे शहर में भी मुकदमे को लेकर चर्चा होती रही।
एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस का कहना है कि अभी एफआईआर यहां नहीं पहुंची है। वहीं शांतिकुंज परिवार ने मामले को पूरी तरह फर्जी बताते हुए इसे विश्व ख्यात संस्था को बदनाम करने की गहरी साजिश बताया है।
बता दें कि दिल्ली के विवेक विहार थाने में छत्तीसगढ़ की 24 वर्षीय युवती ने शांतिकुंज के डॉक्टर और उनकी पत्नी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए पांच मई को मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि युवती (तब नाबालिग थी) वर्ष 2010 से 2014 तक शांतिकुंज में ही रही थी, उस वक्त वह खाना बनाने वाली टीम का हिस्सा थी।
पति पर दुष्कर्म करने और पत्नी पर मामले को छिपाने का आरोप
युवती ने डॉक्टर पर दुष्कर्म करने और पत्नी पर मामले को छिपाए रखने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप है कि यह सिलसिला वर्ष 2014 तक चलता रहा। ज्यादा तबीयत खराब होने पर उसे घर भेज दिया गया। उसे किसी को भी इस बारे में जानकारी देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर को शून्य में दर्ज कर उसे उत्तराखंड भेज दिया है।
प्रक्रिया के अनुसार एफआईआर पहले रेंज के आईजी कार्यालय पहुंचेगी, जहां से एसएसपी कार्यालय होते हुए कोतवाली में पहुंचेगी, फिर उसे हरिद्वार कोतवाली में क्राइम नंबर मिलेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि एफआईआर जब यहां पहुंचेगी, तब ही जांच शुरू की जा सकेगी।
शांतिकुंज ने बताई गहरी साजिश आरोपों के पीछे गहरी साजिश
शांतिकुंज के प्रचार विभाग की ओर से की जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पूरे घटनाक्रम को गहरी साजिश बताया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमें सारे आरोप निराधार और तथ्यहीन हैं।
एक दशक पहले घटना होनी बताकर अब मुकदमा दर्ज कराना खुद ही इस बात को साबित करता है कि पूरा प्रकरण द्वेष भावना से प्रेरित होकर किया गया है। यह संस्था की ख्याति को नुकसान पहुंचाने की साजिश के साथ ही संस्था से जुड़े 16 करोड़ साधकों के लिए भी बेहद द़ुखद और हृदय विदारक है। यह भी कहा गया है कि संस्था हर तरह की जांच में सहयोग के लिए तैयार है।
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