न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 08 May 2020 05:39 PM IST
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश एस के यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उन्हें सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश भी दिया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आरोपी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में ट्रायल को पूरा करने के लिए 31 अगस्त, 2020 तक का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे को पूरा करे और फैसला दे। सीबीआई कोर्ट अगस्त की समयसीमा का उल्लंघन ना करे। कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए।
भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह और अन्य के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में ट्रायल चल रहा है जिसे पूरा करने का समय सुप्रीम कोर्ट ने और बढ़ा दिया है।
विशेष जज एस के यादव ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर और समय बढ़ाने की मांग की थी। 20 अप्रैल को ही नौ महीने की तय सीमा पूरी हो गई थी। पीठ ने कहा कि ये हाई प्रोफाइल मामला है और इस ट्रायल को उसी जज द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ 19 अप्रैल 2017 को जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरोप बहाल किया था। इसके लिए उन्होंने सीबीआई द्वारा दायर अपील की अनुमति ली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश एस के यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उन्हें सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश भी दिया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आरोपी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामले में ट्रायल को पूरा करने के लिए 31 अगस्त, 2020 तक का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे को पूरा करे और फैसला दे। सीबीआई कोर्ट अगस्त की समयसीमा का उल्लंघन ना करे। कोर्ट को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए।
भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह और अन्य के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में ट्रायल चल रहा है जिसे पूरा करने का समय सुप्रीम कोर्ट ने और बढ़ा दिया है।
विशेष जज एस के यादव ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर और समय बढ़ाने की मांग की थी। 20 अप्रैल को ही नौ महीने की तय सीमा पूरी हो गई थी। पीठ ने कहा कि ये हाई प्रोफाइल मामला है और इस ट्रायल को उसी जज द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ 19 अप्रैल 2017 को जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरोप बहाल किया था। इसके लिए उन्होंने सीबीआई द्वारा दायर अपील की अनुमति ली थी।
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