न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 26 May 2020 08:47 PM IST
भारत और चीन के उच्च स्तरीय सैन्य कमांडरों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 22 और 23 मई को मुलाकात की थी। यह मुलाकात पूर्वी लद्दाख में उपजे तनाव को कम करने के लिए हुई थी। सूत्रों ने बताया कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए बीजिंग और दिल्ली में राजनयिक माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील और गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच बना सैन्य तनाव कम नहीं हुआ है।
एक ओर जहां भारत और चीन के सैन्य कमांडर लद्दाख में आमने-सामने वार्ता कर रहे हैं तो वहीं इस समस्या को दूर करने के लिए दोनों देशों की राजधानियों में राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय सेना ने गलवां सेक्टर में अपने संसाधन तैनात करने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत अपनी सीमा के लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत शांति में विश्वास रखता है लेकिन जब देश के क्षेत्र की रक्षा की बात आती है तो स्थिति बदल जाती है।
सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच वार्ताओं के पांच दौर के बाद भी यह सैन्य तनाव कम नहीं हो पाया है। बता दें कि पांच मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद यहां सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई थी। इसके बाद उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना हुई थी। सूत्रों का कहना है कि जब तक इस मसले का हल नहीं निकलता है तब तक सैन्य कमांडर वार्ता करना जारी रखेंगे।
चीन को है सड़क निर्माण पर आपत्ति
दरअसल, चीन ने लद्दाख में गलवां नदी के आसपास भारत की ओर से एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। सूत्रों के मुताबिक सड़क का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है। पांच मई को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे।
भारत और चीन के उच्च स्तरीय सैन्य कमांडरों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 22 और 23 मई को मुलाकात की थी। यह मुलाकात पूर्वी लद्दाख में उपजे तनाव को कम करने के लिए हुई थी। सूत्रों ने बताया कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए बीजिंग और दिल्ली में राजनयिक माध्यम से भी प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील और गलवां घाटी में भारत और चीन के बीच बना सैन्य तनाव कम नहीं हुआ है।
एक ओर जहां भारत और चीन के सैन्य कमांडर लद्दाख में आमने-सामने वार्ता कर रहे हैं तो वहीं इस समस्या को दूर करने के लिए दोनों देशों की राजधानियों में राजनयिक प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय सेना ने गलवां सेक्टर में अपने संसाधन तैनात करने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत अपनी सीमा के लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत शांति में विश्वास रखता है लेकिन जब देश के क्षेत्र की रक्षा की बात आती है तो स्थिति बदल जाती है।
सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच वार्ताओं के पांच दौर के बाद भी यह सैन्य तनाव कम नहीं हो पाया है। बता दें कि पांच मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद यहां सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई थी। इसके बाद उत्तरी सिक्किम में भी ऐसी ही घटना हुई थी। सूत्रों का कहना है कि जब तक इस मसले का हल नहीं निकलता है तब तक सैन्य कमांडर वार्ता करना जारी रखेंगे।
चीन को है सड़क निर्माण पर आपत्ति
दरअसल, चीन ने लद्दाख में गलवां नदी के आसपास भारत की ओर से एक महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी। सूत्रों के मुताबिक सड़क का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है। पांच मई को लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे।
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