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Sacred Games And Mirzapur These Web Series Promote Tobacco – सेक्रेड गेम्स और मिर्जापुर ने खूब किया तंबाकू का प्रचार, सर्वे में हुए और भी तमाम दिलचस्प खुलासे




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भारत में तंबाकू, गुटखा, शराब आदि जैसे मादक पदार्थों को प्रतिबंधित पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है। यह पदार्थ एक उम्र सीमा के हिसाब से भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं। अगर इनका प्रयोग किसी फिल्म या वेब सीरीज में किया जाता है तो एक चेतावनी का संकेत जरूर लिखा जाता है। लेकिन, ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, हॉटस्टार, अमेजॉन प्राइम वीडियो आदि जगहों पर इन भारतीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की 10 वेब सीरीजों पर किए गए शोध के अनुसार पता चला है कि प्रतिबंधित मादक पदार्थों का सेवन इन सीरीजों में बिना किसी चेतावनी के संकेत के किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों का वेब शोज में दिखाया जाना उतना ही असरदार है जितना कि किसी फिल्म में उनका दिखाया जाना। इस बात की तह तक जाने के लिए शोधकर्ताओं ने दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों में 15 से 24 वर्ष के छात्रों के बीच ग्रुप डिस्कशन करवाए।

वह जानना चाहते थे कि इस उम्र सीमा के नौजवान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादातर क्या देखते हैं और कौन सी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। इन चर्चाओं के आधार पर शोधकर्ता 10 सबसे ज्यादा लोकप्रिय वेब शो के नतीजे पर पहुंचे, जिनमें 188 एपिसोड हैं। इनमें से मात्र दो वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होती हैं और बाकी सभी आठ वेब सीरीज अमेजॉन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध हैं।

ये 10 सीरीज हैं; द मार्वलस मिसेज मैसेल, स्ट्रेंजर थिंग्स, बॉडीगार्ड, रिवरडेल, नार्कोस, सैक्रेड गेम्स, मिर्जापुर, चिलिंग एडवेंचर्स ऑफ सबरीना, 13 रीजंस व्हाय और द क्राउन। इन सभी वेब सीरीजों में तंबाकू सेवन के दृश्यों की गिनती करने के लिए एक तय तरीकेका इस्तेमाल किया गया। विश्लेषण से पता चला कि ‘द मार्वलस मिसेज मैसेल’ सबसे ज्यादा 1652 तंबाकू सेवन के दृश्यों को दर्शाया गया है।

इसी क्रम में ‘नार्कोस’ में 835, ‘द क्राउन’ में 599, ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ में 233, ‘चिलिंग एडवेंचर्स ऑफ सबरीना’ में 171, ‘मिर्जापुर’ में 78, और ‘सैक्रेड गेम्स’ में 67 दृश्यों को फिल्माया गया है।निष्कर्षों से पता चला कि इनमें से एक भी सीरीज ऐसी नहीं है जो भारत के तंबाकू मुक्त फिल्म और टीवी नियमों का पालन करती हो। इस पर शोधकर्ताओं का कहना है कि युवाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए इन नियमों को अधिक कठोरता से लागू किया जाना चाहिए।

भारत में 15 और उससे ज्यादा उम्र के लगभग 26 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इसका नतीजा यह है कि भारत में तंबाकू जनित बीमारियां बहुत हैं। वर्ष 2012 के भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी फिल्म और टीवी प्रोग्राम अपने कार्यक्रम को शुरू करने के साथ ऑडियो या वीडियो के जरिए तंबाकू के सेवन न करने की चेतावनी जरूर इंगित करते हैं। चाहे उसका निर्माण भारत में हुआ हो या कहीं और।

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भारत में तंबाकू, गुटखा, शराब आदि जैसे मादक पदार्थों को प्रतिबंधित पदार्थों की श्रेणी में रखा गया है। यह पदार्थ एक उम्र सीमा के हिसाब से भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं। अगर इनका प्रयोग किसी फिल्म या वेब सीरीज में किया जाता है तो एक चेतावनी का संकेत जरूर लिखा जाता है। लेकिन, ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, हॉटस्टार, अमेजॉन प्राइम वीडियो आदि जगहों पर इन भारतीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की 10 वेब सीरीजों पर किए गए शोध के अनुसार पता चला है कि प्रतिबंधित मादक पदार्थों का सेवन इन सीरीजों में बिना किसी चेतावनी के संकेत के किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों का वेब शोज में दिखाया जाना उतना ही असरदार है जितना कि किसी फिल्म में उनका दिखाया जाना। इस बात की तह तक जाने के लिए शोधकर्ताओं ने दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों में 15 से 24 वर्ष के छात्रों के बीच ग्रुप डिस्कशन करवाए।

वह जानना चाहते थे कि इस उम्र सीमा के नौजवान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादातर क्या देखते हैं और कौन सी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं। इन चर्चाओं के आधार पर शोधकर्ता 10 सबसे ज्यादा लोकप्रिय वेब शो के नतीजे पर पहुंचे, जिनमें 188 एपिसोड हैं। इनमें से मात्र दो वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर प्रसारित होती हैं और बाकी सभी आठ वेब सीरीज अमेजॉन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध हैं।




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