अमेरिका में चल रही आगजनी और हिंसा के बीच कुछ अज्ञात बदमाशों ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर ग्राफिटी और स्प्रे पेंटिंग से छेड़खानी की। इस संबंध में पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज किया। इस बीच भारतीय दूतावास ने अमेरिका के सामने इस मुद्दे को उठाया और मेट्रोपोलिटन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना के सामने आने के तुरंत बाद भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने माफी मांगते हुए कहा, वाशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुए दुर्व्यवहार से हम शर्मिंदा हैं। इसके लिए हम माफी मांगते हैं।
इस बीच, अमेरिका से बाहर भी नस्ली भेदभाव पर जहां फ्रांस में 2016 में हुई अश्वेत एडम ट्रेओर की मौत के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे वहीं ब्रिटेन, डेनमार्क, जर्मनी और इटली में भी नस्ली भेदभाव का विरोध किया गया। लंदन में हायड पार्क में हजारों लोग जुटे, जर्मनी में महिलाओं ने हर्मनप्लाट्ज स्क्वायर पर प्रदर्शन किया, डेनमार्क के कोपेनहेगन में विरोध रैली निकालकर अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किए गए।
कृपया हमारी क्षमायाचना स्वीकार करें : जस्टर
भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने वाशिंगटन में महात्मा गांधी की प्रतिमा को खंडित करने के लिए माफी मांगते हुए कहा कि कृपया हमारी क्षमायाचना को स्वीकार करें। उन्होंने ट्वीट किया, हम किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह और भेदभाव के खिलाफ खड़े हैं। हम ठीक हो जाएंगे और बेहतर होंगे। बता दें कि यह वही प्रतिमा है जहां नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद वाशिंगटन दौरे पर बापू को श्रद्धांजलि दी थी।
पिता के खिलाफ उतरी बेटी टिफनी ट्रंप
मिनेसोटा में पुलिस की हिरासत में मारे गए जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में राष्ट्रपति ट्रंप की छोटी बेटी टिफनी ट्रंप भी उतर आई हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने एक ब्लैक स्क्रीन पोस्ट के साथ जस्टिसफॉरजॉर्जफ्लॉयड हैशटैग का प्रयोग किया और हेलन केलर का एक कोट लिखा, अकेले हम बेहद कम हासिल कर सकते हैं, एक साथ हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।
मैटिस ने कहा ट्रंप ने हमें बांटने की कोशिश की
अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने ट्रंप पर समाज में विभाजन बढ़ाने और अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ट्रंप ने इस मामले को जिस तरह हैंडल किया है, वह इससे डरे हुए हैं। मैटिस ने 2018 में सीरिया से सैन्य वापसी को लेकर रक्षा मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एक लेख में लिखा, ‘ट्रंप मेरे जीवनकाल के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने न तो अमेरिकियों को एकजुट करने की कोशिश की और न ही इसका दिखावा तक किया। उन्होंने हमें बांटने की कोशिश की।’ मैटिस के बयान को ट्रंप ने ‘अहंकारी जनरल’ जैसा बताया।
नस्लवाद के विरुद्ध गूगल देगी 3.7 करोड़ डॉलर का योगदान : पिचाई
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक घोषणा में कहा है कि इंटरनेट कंपनी नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई में 3.7 करोड़ डॉलर (279.49 करोड़ रुपए) का योगदान देगी। सभी कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में गूगल और अल्फाबेट के भारतवंशी सीईओ ने सभी से अनुरोध किया कि वे मारे गए काले लोगों की याद और सम्मान में 8:46 मिनट का मौन रखें और एकजुटता जताएं। उन्होंने इसे एक सांकेतिक प्रदर्शन बताया। 3.7 करोड़ डॉलर किस रूप में दिए जाएंगे, इस पर पिचाई ने कहा, नस्लवाद के खिलाफ लड़ रही संस्थाओं को मदद के रूप में 1.2 करोड़ डॉलर दिए जाएंगे जबकि 2.5 करोड़ डॉलर की राशि विज्ञापन अनुदान के रूप में होगी।
ट्रंप के वीडियो का प्रचार नहीं करेगा स्नेपचैट
सोशल मीडिया मंच स्नेपचैट ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वीडियो का अपने मैसेजिंग सेवा पर ‘प्रचार’ नहीं करेगा। कंपनी ने एक बयान में यह भी कहा कि ‘डिस्कवर’ पर हम उस आवाज को बढ़ावा नहीं देंगे जो नस्लीय हिंसा और अन्याय को बढ़ावा देती है और समाज में इसके लिए कोई जगह नहीं है।
कोरोना पॉजिटिव था जॉर्ज फ्लॉयड
अमेरिका में पुलिस हिरासत में मारा गया अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड कोरोना पॉजिटिव था। उसके शव का परीक्षण करने के बाद यह जानकारी सामने आई है। 3 अप्रैल को हुए टेस्ट में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मौत के समय भी वह संक्रमित था। हालांकि, उसमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं दिखे थे।