Railways Says Consent Of Destination States Not Required To Operate Shramik Special Trains – श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन पर रेलवे ने बदला रुख , कहा- राज्यों की अनुमति जरूरी नहीं




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 19 May 2020 04:14 PM IST

ख़बर सुनें

 

कई राज्यों के श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति नहीं देने के बीच रेलवे का कहना है कि ट्रेनों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों की अनुमति की जरूरत नहीं है। बता दें कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक बयान दिया था कि प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा को कई राज्य अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से अधिक ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है।

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए यह स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू की है। अभी तक इन ट्रेनों के संचालन के लिए राज्यों की ओर से आवेदन करने की बात सामने आ रही थी। पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने कम ट्रेनों को ही अनुमति दी थी। 

रेल मंत्री ने कुछ राज्यों पर लगाया था अनुमति न देने का आरोप

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों प्रवासी मजदूरों के मामले में कहा था कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं। परंतु कई राज्य सरकारें कम ट्रेनों को अनुमति दे रही हैं।

गोयल ने गुरुवार को कहा था कि 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जहां से बहुत ही कम ट्रेनों के लिए अनुमति मिल रही है। 

झारखंड के सीएम ने कहा था, रेल मंत्री को मिली जानकारी गलत

वहीं, रेल मंत्री के इस बयान पर झांरखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि झारखंड ने सबसे पहले ट्रेन से श्रमिकों को लाने की मांग की थी। सोरेन ने कहा था, ‘आप तक सही जानकारी नहीं पहुंचाई गई है। हमने अब तक 110 ट्रेनों को एनओसी दी है, लेकिन रोजाना केवल 4-6 ट्रेन ही यहां आ रही हैं, जो हमारे सात लाख श्रमिकों को लाने के लिए काफी नहीं हैं।’

 

कई राज्यों के श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने की अनुमति नहीं देने के बीच रेलवे का कहना है कि ट्रेनों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों की अनुमति की जरूरत नहीं है। बता दें कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक बयान दिया था कि प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन सेवा को कई राज्य अनुमति नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से अधिक ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है।

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए यह स्पेशल ट्रेन सेवा शुरू की है। अभी तक इन ट्रेनों के संचालन के लिए राज्यों की ओर से आवेदन करने की बात सामने आ रही थी। पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने कम ट्रेनों को ही अनुमति दी थी। 

रेल मंत्री ने कुछ राज्यों पर लगाया था अनुमति न देने का आरोप

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बीते दिनों प्रवासी मजदूरों के मामले में कहा था कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं। परंतु कई राज्य सरकारें कम ट्रेनों को अनुमति दे रही हैं।

गोयल ने गुरुवार को कहा था कि 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जहां से बहुत ही कम ट्रेनों के लिए अनुमति मिल रही है। 

झारखंड के सीएम ने कहा था, रेल मंत्री को मिली जानकारी गलत

वहीं, रेल मंत्री के इस बयान पर झांरखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि झारखंड ने सबसे पहले ट्रेन से श्रमिकों को लाने की मांग की थी। सोरेन ने कहा था, ‘आप तक सही जानकारी नहीं पहुंचाई गई है। हमने अब तक 110 ट्रेनों को एनओसी दी है, लेकिन रोजाना केवल 4-6 ट्रेन ही यहां आ रही हैं, जो हमारे सात लाख श्रमिकों को लाने के लिए काफी नहीं हैं।’




Source link

Leave a comment