न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 09 Jun 2020 06:24 PM IST
15 दिनों के भीतर प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने राज्यों से 10 जून तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग बताने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र को अगले 15 दिनों में इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद रेलवे ने राज्यों को पत्र लिखा।
प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने 10 जून तक राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग प्रदान करने को कहा है। भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों को सूचित किया है कि वह राज्यों से मांग प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रदान करेगा।
रेल मंत्रालय ने कहा कि अब तक लगभग 60 लाख प्रवासियों को उनके गंतव्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा 4347 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। श्रमिक ट्रेनें एक मई 2020 से चलाई जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर उनके गृह राज्य वापस भेजा जाए। अपने आदेश में अदालत ने कहा, ‘केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करनी होगी। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार राहत को मैप और कौशल मानचित्रण किया जाएगा।’
अदालत ने आगे कहा कि श्रमिक ट्रेनों की मांग की स्थिति में रेलवे 24 घंटे के भीतर ट्रेनें उपलब्ध कराएगा। साथ ही रेलवे प्रवासी श्रमिकों को सभी योजनाएं प्रदान करेगा और उन्हें प्रचारित करेगा।
15 दिनों के भीतर प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने राज्यों से 10 जून तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग बताने को कहा है।सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र को अगले 15 दिनों में इस प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद रेलवे ने राज्यों को पत्र लिखा।
प्रवासियों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे ने 10 जून तक राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की मांग प्रदान करने को कहा है। भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों को सूचित किया है कि वह राज्यों से मांग प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रदान करेगा।
रेल मंत्रालय ने कहा कि अब तक लगभग 60 लाख प्रवासियों को उनके गंतव्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा 4347 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। श्रमिक ट्रेनें एक मई 2020 से चलाई जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर उनके गृह राज्य वापस भेजा जाए। अपने आदेश में अदालत ने कहा, ‘केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करनी होगी। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार राहत को मैप और कौशल मानचित्रण किया जाएगा।’
अदालत ने आगे कहा कि श्रमिक ट्रेनों की मांग की स्थिति में रेलवे 24 घंटे के भीतर ट्रेनें उपलब्ध कराएगा। साथ ही रेलवे प्रवासी श्रमिकों को सभी योजनाएं प्रदान करेगा और उन्हें प्रचारित करेगा।
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