न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 26 May 2020 02:04 PM IST
राहुल गांधी-निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI/ANI
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वित्त मंत्री ने कहा था कि राहुल ड्रामेबाजी करते हैं। अगर वह वास्तव में मजदूरों की सहायता करना चाहते तो उनका कुछ बोझ उठा सकते थे। सीतारमण के इस बयान पर राहुल ने अपने अंदाज में पलटवार करते हुए कहा- अगर वित्त मंत्री मुझे अनुमति दें तो मैं बैग उठाकर ले जाऊं। फिर मैं एक मजदूर का नहीं बल्कि 10-15 मजदूरों का बैग उठाकर ले जाऊंगा।
क्या-क्या कहा था सीतारमण ने?
दरअसल, 17 मई को राहत पैकेज का एलान करते समय वित्त मंत्री ने राहुल गांधी पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से राहत पैकेज को लेकर की जा रही प्रेस कॉन्फ्रेंस को ड्रामा बताया जा रहा है, लेकिन असली ड्रामेबाज वह खुद हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सड़क पर बैठकर मजदूरों से बात करके उनका समय बर्बाद करने में लगे हुए थे। इससे बेहतर होता वह उनके बच्चों, सूटकेस को पकड़कर उनके साथ पैदल चलते।
सीतारमण मुझे इजाजत दें तो मैं जरूर बैग उठाकर ले जाऊं
राहुल ने मंगलवार को कहा कि मजदूरों से बातचीत करने के पीछे मेरा लक्ष्य केवल एक है। मैं उनके दिल में क्या चल रहा है, यह समझने की कोशिश करता हूं। सच कहूं तो मुझे इसका बहुत लाभ मिला है। जहां तक मदद की बात है, मैं मदद करता रहता हूं। अगर वो (निर्मला) मुझे इजाजत दें तो मैं जरूर बैग उठाकर ले जाऊं। एक का नहीं, 10-15 का उठाकर ले जाऊंगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वो (निर्मला) चाहती हैं कि मैं यहां से उत्तर प्रदेश चला जाऊं। वह मुझे वहां जाने की अनुमति दें। मैं पैदल ही यहां से निकल जाऊंगा। जितने लोगों की मदद मैं रास्ते में कर सकूंगा, मैं कर दूंगा।
लॉकडाउन को बताया विफल
इसके साथ ही आज राहुल गांधी ने देश में चार चरणों में लगाए गए लॉकडाउन के विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि आगे कोरोना संकट से निपटने और जरूरतमंदों को मदद देने की उनकी रणनीति क्या है?
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह से फेल हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीद थी कि कोरोना 21 दिन में नियंत्रित हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने अपनी पुरानी मांग दोहराते हुए यह भी कहा कि गरीबों और मजदूरों को 7500 रुपये की मदद दी जाए और राज्य सरकारों को केंद्र की तरफ से पूरी मदद मिले।