Rafale Fighter Aircaft Would Start Arriving In India By July End This Year From France Will Boost Air Firepower – जुलाई के आखिर में भारत पहुंचेंगे राफेल विमान, पाक और चीन पर मिलेगी बढ़त




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 15 May 2020 12:43 PM IST

राफेल लड़ाकू विमान (फाइल फोटो)
– फोटो : dassault-aviation.com

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भारत की हवाई मारक क्षमता को बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमान इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंचने शुरू हो जाएंगे। पहले इन लड़ाकू विमानों की डिलीवरी मई आखिर में होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से भारत और फ्रांस में पैदा हालात के कारण इसे दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया। इस विमान से हवाई क्षमता के मामले में भारत को पाकिस्तान और चीन दोनों पर बढ़त मिल जाएगी। विमान पंजाब के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे।

रक्षा सूत्रों ने सामाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘दो सीटों वाले तीन प्रशिक्षण विमान सहित पहले चार विमान जुलाई के अंत तक अंबाला एयरबेस पर पहुंचने लगेंगे। ये लड़ाकू विमान आरबी सीरीज के होंगे। पहला विमान 17 गोल्डेन एरोज के कमांडिंग ऑफिसर फ्रांस के पायलट के साथ उड़ाएंगे।’ आरबी सीरीज के विमान को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में उड़ाया जाएगा जिन्होंने 36 राफेल विमान के सौदे में अहम भूमिका निभाई थी।

सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी वायु सेना के टैंकर विमान से इन लड़ाकू विमानों में हवा में ही ईंधन भरा जाएगा। विमान मिडिल ईस्ट में किसी जगह पर उतरेंगे। मिडिल ईस्ट से आते वक्त भारत में उतरने से पहले विमान में भारतीय आईएल-78 टैंकर द्वारा फिर से हवा में ईंधन भरा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि राफेल सीधे फ्रांस से भारत आ सकता था, लेकिन एक छोटे से कॉकपिट के अंदर 10 घंटे की उड़ान तनावपूर्ण हो सकती है।

वहीं, भारतीय पायलटों के पहले बैच ने फ्रेंच एयरबेस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। दोनों देशों में लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने के बाद पायलटों के दूसरे बैच को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। लॉकडाउन के बाद भारत को फ्रांस से उपकरणों की पहली खेप तब मिली जब एक मालवाहक विमान पिछले हफ्ते दिल्ली में उतरा था। आने वाले समय में और उपकरण भारत पहुंचेंगे।

बता दें कि भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 36 लड़ाकू राफेल विमान के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

सार

  • राफेल लड़ाकू विमान इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
  • विमान पंजाब के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे।
  • आरबी सीरिज के विमान को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में उड़ाया जाएगा।

विस्तार

भारत की हवाई मारक क्षमता को बढ़ाने वाले राफेल लड़ाकू विमान इस साल जुलाई के अंत तक फ्रांस से भारत पहुंचने शुरू हो जाएंगे। पहले इन लड़ाकू विमानों की डिलीवरी मई आखिर में होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से भारत और फ्रांस में पैदा हालात के कारण इसे दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया। इस विमान से हवाई क्षमता के मामले में भारत को पाकिस्तान और चीन दोनों पर बढ़त मिल जाएगी। विमान पंजाब के अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे।

रक्षा सूत्रों ने सामाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘दो सीटों वाले तीन प्रशिक्षण विमान सहित पहले चार विमान जुलाई के अंत तक अंबाला एयरबेस पर पहुंचने लगेंगे। ये लड़ाकू विमान आरबी सीरीज के होंगे। पहला विमान 17 गोल्डेन एरोज के कमांडिंग ऑफिसर फ्रांस के पायलट के साथ उड़ाएंगे।’ आरबी सीरीज के विमान को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के सम्मान में उड़ाया जाएगा जिन्होंने 36 राफेल विमान के सौदे में अहम भूमिका निभाई थी।

सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी वायु सेना के टैंकर विमान से इन लड़ाकू विमानों में हवा में ही ईंधन भरा जाएगा। विमान मिडिल ईस्ट में किसी जगह पर उतरेंगे। मिडिल ईस्ट से आते वक्त भारत में उतरने से पहले विमान में भारतीय आईएल-78 टैंकर द्वारा फिर से हवा में ईंधन भरा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि राफेल सीधे फ्रांस से भारत आ सकता था, लेकिन एक छोटे से कॉकपिट के अंदर 10 घंटे की उड़ान तनावपूर्ण हो सकती है।

वहीं, भारतीय पायलटों के पहले बैच ने फ्रेंच एयरबेस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। दोनों देशों में लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने के बाद पायलटों के दूसरे बैच को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। लॉकडाउन के बाद भारत को फ्रांस से उपकरणों की पहली खेप तब मिली जब एक मालवाहक विमान पिछले हफ्ते दिल्ली में उतरा था। आने वाले समय में और उपकरण भारत पहुंचेंगे।

बता दें कि भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना की आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 36 लड़ाकू राफेल विमान के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।




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