अमर उजाला नेटवर्क, बुलंदशहर
Updated Tue, 28 Apr 2020 02:15 PM IST
बुलंदशहर में साधुओं की हत्या, शुरू हुई राजनीति
– फोटो : अमर उजाला
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उप्र में सौ लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के 5 लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ।’
..ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
निष्पक्ष जाँच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है।
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 28, 2020
कांग्रेस की उत्तर प्रद्रेश प्रभारी प्रियंका ने कहा कि बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया। ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जांच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना सरकार की जिम्मेदारी है। गौरतलब है कि बुलंदशहर के अनूपशहर क्षेत्र के एक गांव में एक शिवमंदिर में मंगलवार तड़के दो साधुओं की हत्या कर दी गई।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि अनूपशहर थाना क्षेत्र स्थित फगौना गांव में एक शिव मंदिर में जगदीश (50) और शेर सिंह (52) नामक साधुओं की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस घटना के आरोपी मुरारी को गिरफ्तार किया है।
वहींं, समाजवादी पार्टी ने भी इसे लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार से सख्त कार्रवाई करने को कहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
उप्र के बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है.
इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है. इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 28, 2020