डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 25 Apr 2020 11:08 PM IST
पीएम मोदी और सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया
कोरोना के खिलाफ देश की जंग को जीतने के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से सात बातों का पालन करने का संदेश दिया था, जिसे मोदी की ‘सप्तपदी’ कहा गया था।
वहीं अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 संक्रमण को रोकने के संदर्भ में लिखे अपने दूसरे पत्र में सरकार को पांच सुझाव दिए हैं, जिन्हें सोनिया का ‘पंचशील’ कहा जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें पांच सुझाव दिए हैं।
यह सुझाव देने से पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की कोर टीम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) से जुड़े करीब 5000 लोगों से चर्चा की है।
प्रधानमंत्री को लिखे दूसरे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका ध्यान इस क्षेत्र की तरफ आकर्षित कराया है। उनसे क्षेत्र को आर्थिक राहत पैकेज देने, करीब 11 करोड़ युवाओं के रोजगार पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने की सलाह दी है।
इसके साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने कोविड-19 संक्रमण को रोकने में सरकार को पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि देश की जीडीपी में सूक्ष्म, लघु, मझोले उद्योगों (एमएसएमई) का योगदान एक तिहाई है। देश से किए जाने वाले निर्यात में एमएसएमई का योगदान आधा रहता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद से इस क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है।
सभी कामकाज ठप हो जाने के कारण हर रोज यह क्षेत्र करीब 30 हजार करोड़ रुपये का भारीभरकम नुकसान झेल रहा है। इसके कारण 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयों से 11 करोड़ युवाओं के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है।
सरकार को चाहिए ‘पंचशील’!
- एमएसएमई सेक्टर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वेतन रक्षा पैकेज (वेज प्रोटेक्शन) की घोषणा की जाए। इससे लोगों की नौकरी पर मंडराता खतरा और क्षेत्र का आर्थिक संकट दूर किया जा सकेगा। इससे मनोबल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- एक लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड का गठन किया जाए। इससे एमएसएमई को काम करने के लिए पूंजी मिल जाएगी और अर्थव्यवस्था में तरलता आएगी।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कदम उठाए हैं। घोषणा की है। इसका असर जमीन पर कमर्शियल बैंकों के कामकाज में दिखाई दे। ताकि एमएसएमई को यथाशीघ्र आसान दरों पर कर्ज आदि मिल सके। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और सरकार के समर्थन को देखते हुए वित्त मंत्रालय में एक 24 घंटे सक्रिय रहने वाली हेल्प लाइन सेवा इसमें काफी कारगर होगी।
- रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की घोषणा की है। लोन भुगतान के क्रम में इसका एमएसएमई इकाइयों के लिए तीन माह से अधिक का विस्तार किया जाए। एमएसएमई को टैक्स में छूट देनी चाहिए।
- एमएसएमई के लिए गारंटी सुरक्षा को आसान बनाया जाए, ताकि उन्हें आसानी से कर्ज मिल सके। मार्जिन मनी की सीमा को भी घटाया जाए, ताकि इस क्षेत्र को कर्ज मिलने में आसानी हो।
सार
- 11 करोड़ युवाओं का रोजगार बचाने के लिए दिया प्रधानमंत्री को सुझाव
- एमएसएमई क्षेत्र को तत्काल आर्थिक राहत पैकेज, क्रेडिट गारंटी फंड जैसे उपायों की मांग
- ऐसे उपाय हों, जिससे अर्थव्यवस्था को लग सके पंख, न आए बेरोजगारी का बड़ा संकट
विस्तार
कोरोना के खिलाफ देश की जंग को जीतने के लिए लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से सात बातों का पालन करने का संदेश दिया था, जिसे मोदी की ‘सप्तपदी’ कहा गया था।
वहीं अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 संक्रमण को रोकने के संदर्भ में लिखे अपने दूसरे पत्र में सरकार को पांच सुझाव दिए हैं, जिन्हें सोनिया का ‘पंचशील’ कहा जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उन्हें पांच सुझाव दिए हैं।
यह सुझाव देने से पहले कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की कोर टीम ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) से जुड़े करीब 5000 लोगों से चर्चा की है।
प्रधानमंत्री को लिखे दूसरे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका ध्यान इस क्षेत्र की तरफ आकर्षित कराया है। उनसे क्षेत्र को आर्थिक राहत पैकेज देने, करीब 11 करोड़ युवाओं के रोजगार पर मंडरा रहे खतरे को दूर करने की सलाह दी है।
इसके साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने कोविड-19 संक्रमण को रोकने में सरकार को पूरा सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि देश की जीडीपी में सूक्ष्म, लघु, मझोले उद्योगों (एमएसएमई) का योगदान एक तिहाई है। देश से किए जाने वाले निर्यात में एमएसएमई का योगदान आधा रहता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद से इस क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है।
सभी कामकाज ठप हो जाने के कारण हर रोज यह क्षेत्र करीब 30 हजार करोड़ रुपये का भारीभरकम नुकसान झेल रहा है। इसके कारण 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयों से 11 करोड़ युवाओं के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है।
सरकार को चाहिए ‘पंचशील’!
- एमएसएमई सेक्टर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वेतन रक्षा पैकेज (वेज प्रोटेक्शन) की घोषणा की जाए। इससे लोगों की नौकरी पर मंडराता खतरा और क्षेत्र का आर्थिक संकट दूर किया जा सकेगा। इससे मनोबल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- एक लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड का गठन किया जाए। इससे एमएसएमई को काम करने के लिए पूंजी मिल जाएगी और अर्थव्यवस्था में तरलता आएगी।
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कदम उठाए हैं। घोषणा की है। इसका असर जमीन पर कमर्शियल बैंकों के कामकाज में दिखाई दे। ताकि एमएसएमई को यथाशीघ्र आसान दरों पर कर्ज आदि मिल सके। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और सरकार के समर्थन को देखते हुए वित्त मंत्रालय में एक 24 घंटे सक्रिय रहने वाली हेल्प लाइन सेवा इसमें काफी कारगर होगी।
- रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की घोषणा की है। लोन भुगतान के क्रम में इसका एमएसएमई इकाइयों के लिए तीन माह से अधिक का विस्तार किया जाए। एमएसएमई को टैक्स में छूट देनी चाहिए।
- एमएसएमई के लिए गारंटी सुरक्षा को आसान बनाया जाए, ताकि उन्हें आसानी से कर्ज मिल सके। मार्जिन मनी की सीमा को भी घटाया जाए, ताकि इस क्षेत्र को कर्ज मिलने में आसानी हो।
Source link