वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Updated Fri, 15 May 2020 01:25 AM IST
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पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 49 वर्षीय जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी तथा आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने आईसीजे में जाधव की सजा तथा राजनयिक पहुंच की अनुमति न देने के पाकिस्तान के फैसले को चुनौती दी थी।
हेग स्थित आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और और सजा की प्रभावी समीक्षा व पुनर्विचार करने का आदेश दिया था। साथ ही उन्हें तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए भी कहा था।
बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी से आईसीजे में जाधव मामले में भारत की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के 3 मई के उस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिसमें साल्वे ने कहा था कि हमें मानवीय आधार पर पाकिस्तान से जाधव को रिहा किए जाने की उम्मीद थी।
इस पर आयशा फारूकी ने कहा, पाकिस्तान ने भारत को कमांडर जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध करा दी है और आईसीजे के फैसले के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रभावी समीक्षा तथा पुनर्विचार के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। फारूकी ने कहा कि मानवीय आधार पर पाकिस्तान ने जाधव की मुलाकात उनकी मां और पत्नी से भी कराई है।
भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया, जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद कारोबार कर रहे थे। इसके उलट पाकिस्तान हमेशा जाधव को अशांत बलूचिस्तान क्षेत्र से 3 मार्च 2016 को उस समय गिरफ्तार करने का दावा करता रहा है, जब जाधव ने कथित तौर पर ईरान से बलूचिस्तान में प्रवेश किया था।