विमान हादसे के बाद की स्थिति
– फोटो : पीटीआई
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जुबैर उन 99 यात्रियों में से एक थे जो पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एयरबस ए-320 एयक्राफ्ट से सफर कर रहे थे, जो एयरपोर्ट के पास घनी आबादी वाले इलाके में हादसे का शिकार हो गया था। हादसे में नौ बच्चों समेत 99 लोगों की मौत हो गई। फ्लाइट पीके-8303 ने लाहौर से उड़ान भरी थी और कराची के जिन्ना एयरपोर्ट पर इसे लैंडिग करनी थी।
जुबैर का फिलहाल कराची के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया, ‘विमान सही तरीके से उड़ रहा था। मेरी सीट 8एफ थी। जब यह जिन्ना एयरपोर्ट पहुंचने वाला था, पायलट ने लैंडिंग की घोषणा की और सीटबेल्ट लगाने को कहा। लैंडिंग करते वक्त तीन बार झटके महसूस हुए। फिर यह रनवे पर पहुंचा और थोड़ी देर कर रनवे पर ही रहा। इसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं चला, क्योंकि पायलट ने विमान को जमीन से ऊपर उठाया।’
उन्होंने कहा, ‘इसके बात 10 से 15 मिनट के लिए पायलट ने विमान उड़ाया। इसके बाद फिर लैंडिंग की घोषणा हुई। जब इस बार लैंडिंग की घोषणा की गई, मैंने नीचे देखा और मुझे लगा कि हम मालिर कैंटोनमेंट (जहां विमान को लैंड होना था) के ऊपर उड़ रहे हैं। इसके बाद जब विमान लैंड करने वाला था कि अचानक हादसा हो गया।’
जुबैर ने आगे कहा, ‘अगले ही पल बड़ा हादसा हुआ और मैं बेहोश हो गया। जब मैं होश में आया तो हर ओर धुंआ ही धुंआ था।’ अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि जुबैर को हलकी चोटें आई हैं और अभी उनका इलाज चल रहा है। शुक्रवार को एक बयान में जुबैर ने कहा था कि कराची हवाई अड्डे के पास आते ही विमान लड़खड़ाने लगा था।
वहीं, इस हादसे में जिंदा बचे दूसरे व्यक्ति जफर मसूद के कूल्हे की हड्डी और कॉलर बोन टूट गई है। दारुल सेहत अस्पताल प्रशासन ने बताया कि उनके शरीर पर डलने के निशान नहीं है, बस हलकी खरोंच हैं। अस्पताल ने बताया कि मसूद का सीटी स्कैन कराया गया है और अब वह खतरे से बाहर हैं।