न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 16 May 2020 10:15 PM IST
कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के बीच लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के सामने उनकी निगरानी करना और रिकॉर्ड रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए एक समाधान खोजा है।
गृह मंत्रालय ने इसके लिए एक ऑनलाइन राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली (NMIS) विकसित की गई है। इसके जरिए घरों को लौट रहे मजदूरों पर निगरानी रखी जा सकेगी और उनकी यात्रा का सुगम बनाया जा सकेगा। इस पोर्टल का निर्माण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किया है।
सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश में गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही प्रवासी मजदूरों को बसों व श्रमिक विशेष ट्रेन से अपने घर लौटने की व्यवस्था की है। गृह मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक इस प्रणाली से राज्यों के बीच बिना कोई अतिरिक्त प्रयास किए संपर्क किया जाना सुगम हो सकेगा। इसके अलावा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी इसके जरिए आसान हो सकेगी। कोरोना वायरस के खतरे की स्थिति में यह ज्यादा उपयोगी साबित हो सकेगी। लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूर सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। घर लौटने की कोशिश में वे किसी तरह लिफ्ट लेकर या फिर पैदल ही जा रहे हैं।
भल्ला ने कहा कि यह पोर्टल केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगा और यह राज्य या जिले को किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर मदद करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य इस बात की जानकारी हासिल कर पाएंगे कि कितने लोग अपने राज्य लौट रहे हैं और वे कहां से आए हैं। राज्य इस पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों के डाटा की फाइल को अपलोड कर सकते हैं। बहुत से राज्यों के पास पहले से ही प्रवासियों का काफी डाटा है, ऐसे में इसे एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के जरिए जोड़ा जा सकेगा। इसके जरिए घर लौट रहे मजदूरों का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, आने व जाने के स्थान का नाम, यात्रा की तारीख आदि की जानकारी दर्ज की जाएगी।
कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के बीच लाखों प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौटने को मजबूर हो गए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के सामने उनकी निगरानी करना और रिकॉर्ड रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि केंद्र सरकार ने इसके लिए एक समाधान खोजा है।
गृह मंत्रालय ने इसके लिए एक ऑनलाइन राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली (NMIS) विकसित की गई है। इसके जरिए घरों को लौट रहे मजदूरों पर निगरानी रखी जा सकेगी और उनकी यात्रा का सुगम बनाया जा सकेगा। इस पोर्टल का निर्माण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किया है।
सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश में गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही प्रवासी मजदूरों को बसों व श्रमिक विशेष ट्रेन से अपने घर लौटने की व्यवस्था की है। गृह मंत्रालय के एक आदेश के मुताबिक इस प्रणाली से राज्यों के बीच बिना कोई अतिरिक्त प्रयास किए संपर्क किया जाना सुगम हो सकेगा। इसके अलावा कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी इसके जरिए आसान हो सकेगी। कोरोना वायरस के खतरे की स्थिति में यह ज्यादा उपयोगी साबित हो सकेगी। लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी मजदूर सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। घर लौटने की कोशिश में वे किसी तरह लिफ्ट लेकर या फिर पैदल ही जा रहे हैं।
भल्ला ने कहा कि यह पोर्टल केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगा और यह राज्य या जिले को किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर मदद करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य इस बात की जानकारी हासिल कर पाएंगे कि कितने लोग अपने राज्य लौट रहे हैं और वे कहां से आए हैं। राज्य इस पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों के डाटा की फाइल को अपलोड कर सकते हैं। बहुत से राज्यों के पास पहले से ही प्रवासियों का काफी डाटा है, ऐसे में इसे एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के जरिए जोड़ा जा सकेगा। इसके जरिए घर लौट रहे मजदूरों का नाम, उम्र, मोबाइल नंबर, आने व जाने के स्थान का नाम, यात्रा की तारीख आदि की जानकारी दर्ज की जाएगी।
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