उर्दू के जाने-माने तंज-ओ-मज़ाह लेखक मुजतबा हुसैन का आज सुबह हैदराबाद में निधन हो गया है। 15 जुलाई 1936 को पैदा हुए मुजतबा हुसैन हास्य-व्यंग्य के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर थे। मुजतबा ऐसे कलमकार थे जिन्हें हिंदी उर्दू दोनों भाषाओं के चाहने वाले एक जैसी मोहब्बत से नवाजते थे।
‘तकिया कलाम’, ‘दीमकों की मलिका से एक मुलाकात’, मुशायरे और मुजरे का फ़र्क़ जैसे तंज बहुत मशहूर हुए। मुजतबा हुसैन को उर्दू साहित्य के विनम्र आयाम में उनके योगदान के लिए 2007 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
हाल ही में नागरिकता कानून के विरोध में उर्दू लेखक और पद्मश्री से सम्मानित मुजतबा हुसैन ने घोषणा की थी कि वह अपना पुरस्कार सरकार को लौटा देंगे।