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ऐसी खबरे हैं कि चीन ने अपने विशेषज्ञ चिकित्सकों का एक दल उत्तर कोरिया में किम जोंग उन की देखभाल और चिकित्सा सहायता के लिए भेजा है। दरअसल माना जा रहा है कि किम हाल ही में हृदय रोग संबंधी एक शल्यक्रिया से गुजरे हैं और इसके बाद से उनकी हालत काफी गंभीर बनी हुई है। चीन के चिकित्सकों का यह दल उनके इलाज तथा जल्द स्वस्थ होने में आवश्यक सहायता कर रहा है।
किम पिछले कुछ सप्ताह से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए हैं। वे 15 अप्रैल को अपने दादा और उत्तर कोरिया के संस्थापक तथा पहले तानाशाह किम इल सुंग की 108वीं जयंती पर आयोजित हुए समारोह में भी शामिल नहीं हुए थे। जिसके बाद से उनके स्वास्थ्य को लेकर अटकलें लगना शुरू हो गई थी।
उत्तर कोरिया संबंधी मामलों के अध्ययन में विशेषज्ञता रखने वाले समूह ‘38 नॉर्थ’ का यह भी कहना है कि ये तस्वीरें किम के स्वास्थ्य के बारे में कोई संकेत नहीं देतीं। लेकिन ये दक्षिण कोरिया की खुफिया समिति के इस बयान को बल देती हैं कि किम राजधानी प्योंगयांग के बाहर रह रहे हैं।
दक्षिण कोरिया लगातार यह कहता रहा है कि अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं है कि किम का स्वास्थ्य खराब है। दरअसल, किम की सेहत दोनों देशों के लिए काफी अहमियत रखती है। क्योंकि उनके गंभीर रूप से बीमार पड़ने या मौत होने से गरीब लेकिन परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया में अस्थिरता पैदा हो जाएगी, जिसका असर दक्षिण कोरिया तथा दुनिया पर काफी ज्यादा पड़ सकता है।
‘38 नॉर्थ’ ने कहा कि तस्वीरों से पता चलता है कि यह विशेष रेलगाड़ी 21 अप्रैल से पहले वहां पहुंची और 23 अप्रैल तक वहां थी। वहीं सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार एक अमेरिकी अधिकारी का कहना था कि किम के स्वास्थ्य को लेकर जारी चिंता विश्वसनीय हैं लेकिन गंभीरता का आकलन करना कठिन है। हालांकि ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि वह ब्रेन डेड हो गए हैं। दक्षिण कोरिया की एक वेबसाइट के मुताबिक किम जोन उन की शल्यक्रिया 12 अप्रैल को हुई थी।
इसी वेबसाइट के अनुसार उन्हें इस प्रक्रिया से इसलिए गुजरना पड़ा क्योंकि वह बहुत ज्यादा धूम्रपान करते हैं और मोटापे से पीड़ित हैं। उनका ह्यानसांग काउंटी में इलाज भी चल रहा था। यह भी कहा जा रहा है कि किम के स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है। इसी वजह से चिकित्सकों की एक टीम 19 अप्रैल को प्योंगयांग लौट आई थी। लेकिन किम जोंग अभी कुछ और दिन अपने हॉलीडे काउंटी में आराम करने के लिए रुके हुए हैं।