♦ आपली इयत्ता निवडा ♦

१ ली २ री ३ री ४ थी ५ वी ६ वी ७ वी ८ वी ९ वी १० वी

No Compromise With Safety Of Healthcare Personnel, Government Commitment To Protect Them: Pm Narendra Modi – स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं, उनकी रक्षा करना सरकार की प्रतिबद्धता: पीएम मोदी




ख़बर सुनें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया अध्यादेश इस संबंध में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिसमें कोरोना महारामी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को परेशान करने या उन पर हमला करने के लिए कड़े दंड का प्रस्ताव किया गया। उन्होंने कहा कि अध्यादेश हमारे चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि उनकी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 ने प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी की रक्षा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट किया, जो कोविड-19 से बहादुरी से लड़ रहे हैं।
 

बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।

यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नए बदलाव लागू रहेंगे, जावड़ेकर ने कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिए मंजूरी दी गई है। अध्यादेश में हिंसा के दोषी के लिए छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। 

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्यकर्मी दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत किया गया अध्यादेश इस संबंध में सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी जिसमें कोरोना महारामी से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों को परेशान करने या उन पर हमला करने के लिए कड़े दंड का प्रस्ताव किया गया। उन्होंने कहा कि अध्यादेश हमारे चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि उनकी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश, 2020 ने प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी की रक्षा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट किया, जो कोविड-19 से बहादुरी से लड़ रहे हैं।
 

बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इसमें उनके खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।

यह पूछे जाने पर क्या कोविड-19 के बाद भी नए बदलाव लागू रहेंगे, जावड़ेकर ने कहा कि अध्यादेश को महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन के लिए मंजूरी दी गई है। अध्यादेश में हिंसा के दोषी के लिए छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। 

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्यकर्मी दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।






Source link