Muslims In Indonesia And Pakistan Didn’t Follow Lockdown Norms Gather At Mosque For Ramzan – रमजान: पाक-इंडोनेशिया में नहीं माने मुस्लिम, लॉकडाउन तोड़ मस्जिद पहुंचे, सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी




इंडोनेशिया में कोरोना
– फोटो : social media

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इंडोनेशिया और मुसलमानों का हिमायती बनने वाले पाकिस्तान से रमजान की शुरुआत में लॉकडाउन तोड़कर मस्जिदें खुलवाने और नमाज अदा की गई। इंडोनेशिया के अचे प्रांत में सैकड़ों लोग मस्जिद पहुंचे और जुुमे की नमाज अदा की। हालांकि ज्यादातर मास्क लगाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी की गई। पूरी दुनिया में लॉकडाउन के तहत रमजान में भी मस्जिदों पर कोरोना वायरस के चलते नमाज से परहेज कर रहे हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इफ्तार से भी बच रहे हैं। मलयेशिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी स्वास्थ्य संगठनों ने इस्लामी सभाओं और रमजान की कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है।

यह उत्सव नहीं, नियम पालन जरूरी

इंडोनेशिया की गृहिणी फितरिया फमेला ने कहा, यह रमजान बहुत अलग है, यह उत्सव जैसा नहीं है। उन्होंने कहा, मैं निराश हूं कि मैं मस्जिद नहीं जा सकी, हम क्या कर सकते हैं? दुनिया अब अलग है। मौलाना मोहम्मद शुकरी ने जिंदगी में पहली बार मैं मस्जिद नहीं जा पाया। लेकिन नियमों का पालन जरूरी है।

रमजान अंत तक कोरोना प्रसार की आशंका

इंडोनेशिया में कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका है क्योंकि रमजान के अंत तक लाखों लोग अपने गृह नगर और गांवों की यात्रा करते हैं। इस आशंका के चलते 26 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में राष्ट्रपति जोको विडोडो को इस पलायन प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बावजूद कई लोग जाने को तैयार हैं।

इंडोनेशिया और मुसलमानों का हिमायती बनने वाले पाकिस्तान से रमजान की शुरुआत में लॉकडाउन तोड़कर मस्जिदें खुलवाने और नमाज अदा की गई। इंडोनेशिया के अचे प्रांत में सैकड़ों लोग मस्जिद पहुंचे और जुुमे की नमाज अदा की। हालांकि ज्यादातर मास्क लगाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी की गई। पूरी दुनिया में लॉकडाउन के तहत रमजान में भी मस्जिदों पर कोरोना वायरस के चलते नमाज से परहेज कर रहे हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इफ्तार से भी बच रहे हैं। मलयेशिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी स्वास्थ्य संगठनों ने इस्लामी सभाओं और रमजान की कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है।

यह उत्सव नहीं, नियम पालन जरूरी

इंडोनेशिया की गृहिणी फितरिया फमेला ने कहा, यह रमजान बहुत अलग है, यह उत्सव जैसा नहीं है। उन्होंने कहा, मैं निराश हूं कि मैं मस्जिद नहीं जा सकी, हम क्या कर सकते हैं? दुनिया अब अलग है। मौलाना मोहम्मद शुकरी ने जिंदगी में पहली बार मैं मस्जिद नहीं जा पाया। लेकिन नियमों का पालन जरूरी है।

रमजान अंत तक कोरोना प्रसार की आशंका

इंडोनेशिया में कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका है क्योंकि रमजान के अंत तक लाखों लोग अपने गृह नगर और गांवों की यात्रा करते हैं। इस आशंका के चलते 26 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में राष्ट्रपति जोको विडोडो को इस पलायन प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बावजूद कई लोग जाने को तैयार हैं।




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