शी झेंगली
– फोटो : साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट
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चीन में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की वायरस विज्ञानी (वायरोलॉजिस्ट) शी झेंगली ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर अपने अकाउंट से इस तरह की अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा, ‘मेरे और मेरे परिवार के लिए सब ठीक है।’ चीनी मीडिया ने बताया कि इसके साथ ही शी ने हाल की नौ तस्वीरें भी साझा कीं।
चीनी मीडिया के मुताबिक वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी निदेशक बताई जा रहीं शी झेंगली ने पोस्ट में लिखा, ‘कितनी ही कठिन परिस्थितियां क्यों न हों, यह (देश छोड़ना) कभी नहीं होगा। हमने कुछ गलत नहीं किया है। विज्ञान में पूरे विश्वास के साथ हम फिर वह समय देखेंगे जहां अंधकार नहीं होगा।’ झेंगली को चमगादड़ और उनसे संबंधित वायरस पर रिसर्च के लिए ‘बैट वूमेन’ भी कहा जाता है।
पिछले साल दिसंबर में शी झेंगली के अचानक लापता हो जाने पर भी चीन पर कई सवाल उठ रहे थे।कुछ रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि वायरस के जीनोम सीक्वेंस का पता लगाने के बाद दो जनवरी को चीन की सरकार ने उनकी लैब बंद कर दी थी। वहीं, कुछ रिपोर्ट में कहा गया था कि झेंगली ने देश छोड़ दिया है और वह अमेरिका के साथ मिल गई हैं।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप शुरुआत से ही चीन पर यह आरोप लगाए आए हैं कि पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाला और लाखों लोगों की जान लेने वाला यह वायरस वुहान की लैब से ही उत्पन्न हुआ है। अमेरिका का दावा है कि चीन ने न केवल कोरोना वायरस से निपटने में गलत नीतियां अपनाईं बल्कि उसने बाकी दुनिया से इसकी जानकारी भी छिपाई।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैले मैकएनानी ने शुक्रवार को कहा कि वहां की एक प्रोफेसर ने जब तक वायरस के जीनोम सीक्वेंस का खुलासा नहीं किया, तब तक चीन ने इसके बारे में बताया ही नहीं। वहीं, खुलासे के एक दिन बाद ही चीन ने वह लैब बंद कर दी, जिससे प्रोफेसर के बयान बदले जा सकें।