Methods Of School-colleges Will Be Changed, Hrd Ministry May Issue Guidelines Next Week – बदल जाएंगे स्कूल-कॉलेज के तरीके, अगले हफ्ते गाइडलाइन जारी कर सकता है एचआरडी मंत्रालय




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कोरोना काल में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण स्थानों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्थान खोलने, प्रवेश परीक्षा और बोर्ड परीक्षा से पहले केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देशों के तहत दिशा-निर्देश तय किए हैं। इसके तहत सभी स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाने का प्रावधान है। संस्थान खोलने से पहले शिक्षकों को थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल करने, सामाजिक दूरी के साथ छात्रों को रहना, बैठना, खाना आदि सिखाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सूत्रों ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को लेकर अलग-अलग गाइडलाइन होंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अगले हफ्ते तक सेफ्टी गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। राज्य सरकारें इसमें थोड़ा-बहुत बदलाव कर सकेंगी। हालात सुधरने तक प्राइमरी कक्षा के लिए ऑनलाइन पढ़ाई ही चलेगी। शिक्षक अभिभावाकों को प्रैक्टिकल वर्क होम वर्क के रूप में देंगे। क्रिएटिविटी पर जोर दिया जाएगा।

क्लास में एक बेंच पर एक छात्र ही बैठेगा। तीन सीटों वाली बेंच में बीच की सीट खाली रहेगी। बड़ी कक्षाओं के छात्र, शिक्षक सहित हर कर्मचारी को मास्क और दस्ताने पहनना होगा। कैंटीन, कॉरिडोर, क्लासरूम, लाइब्रेरी और टॉयलेट रूम के बाहर कोरोना बचाव की गाइडलाइन लगानी होगी। सीसीटीवी से सामाजिक दूरी की निगरानी होगी। संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और डीएम को औचक निरीक्षण कर दिशा-निर्देशों का पालन करवाना होगा।

पाठ्यक्रम भी होगा छोटा

स्कूल बस में भी एक सीट पर एक ही छात्र ही बैठेगा। दो शिफ्ट के साथ ऑड-ईवन रोल नंबर के साथ छात्रों को बुलाने की योजना संभव है। कक्षाओं, बस और स्कूल परिसर को रोज सैनेटाइज करना अनिवार्य होगा। सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और किताबों से पढ़ाई करवाने वाले राज्यों के स्कूलों में 2020 सत्र में पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। लॉकडाउन के चलते पढ़ाई का नुकसान पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम कम करने की तैयारी है। हालांकि इस पर अभी फैसला होना बाकी है।

कोरोना काल में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण स्थानों को खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने संस्थान खोलने, प्रवेश परीक्षा और बोर्ड परीक्षा से पहले केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देशों के तहत दिशा-निर्देश तय किए हैं। इसके तहत सभी स्कूलों में थर्मल स्कैनर लगाने का प्रावधान है। संस्थान खोलने से पहले शिक्षकों को थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल करने, सामाजिक दूरी के साथ छात्रों को रहना, बैठना, खाना आदि सिखाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सूत्रों ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को लेकर अलग-अलग गाइडलाइन होंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अगले हफ्ते तक सेफ्टी गाइडलाइन जारी कर सकते हैं। राज्य सरकारें इसमें थोड़ा-बहुत बदलाव कर सकेंगी। हालात सुधरने तक प्राइमरी कक्षा के लिए ऑनलाइन पढ़ाई ही चलेगी। शिक्षक अभिभावाकों को प्रैक्टिकल वर्क होम वर्क के रूप में देंगे। क्रिएटिविटी पर जोर दिया जाएगा।

क्लास में एक बेंच पर एक छात्र ही बैठेगा। तीन सीटों वाली बेंच में बीच की सीट खाली रहेगी। बड़ी कक्षाओं के छात्र, शिक्षक सहित हर कर्मचारी को मास्क और दस्ताने पहनना होगा। कैंटीन, कॉरिडोर, क्लासरूम, लाइब्रेरी और टॉयलेट रूम के बाहर कोरोना बचाव की गाइडलाइन लगानी होगी। सीसीटीवी से सामाजिक दूरी की निगरानी होगी। संबंधित क्षेत्र के एसडीएम और डीएम को औचक निरीक्षण कर दिशा-निर्देशों का पालन करवाना होगा।

पाठ्यक्रम भी होगा छोटा

स्कूल बस में भी एक सीट पर एक ही छात्र ही बैठेगा। दो शिफ्ट के साथ ऑड-ईवन रोल नंबर के साथ छात्रों को बुलाने की योजना संभव है। कक्षाओं, बस और स्कूल परिसर को रोज सैनेटाइज करना अनिवार्य होगा। सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय, एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और किताबों से पढ़ाई करवाने वाले राज्यों के स्कूलों में 2020 सत्र में पाठ्यक्रम में बदलाव होगा। लॉकडाउन के चलते पढ़ाई का नुकसान पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम कम करने की तैयारी है। हालांकि इस पर अभी फैसला होना बाकी है।




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