Memories Of Hindi’s Successful Film Still Alive In This Village In Jaunpur – यहां आज भी जिंदा है हिंदी की सफलतम फिल्म की यादें, इसके बॉलीवुड रिमेक से सलमान खान ने बनाए थे सफलता के कीर्तिमान




मनीष जायसवाल , अमर उजाला, जौनपुर
Updated Fri, 08 May 2020 11:14 AM IST

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हिंदी सिनेमा ने कई फिल्में ऐसी दी हैं, जिसका आज भी कोई सानी नहीं। उनकी कहानी और किरदार सदा के लिए दर्शकों की जेहन में उतर गए। नब्बे के दशक में हिंदी सिनेमा की सफलतम फिल्म नदिया के पार भी ऐसी ही एक फिल्म है। बॉलीवुड के दिग्गज प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को देखने वाला शायद ही कोई ऐसा हो, जिसकी पलकें गीली न हुई हों।

समूचे पूर्वांचल के खांटी ग्रामीण परिवेश को व्यापक रूप में पहली बार बड़े पर्दे पर दर्शाने वाली यह फिल्म जौनपुर के लिए काफी अहम है। जौनपुर जिले का एक गांव ऐसा है, जहां की फिजाओं में आज भी फिल्म के लीड किरदार चंदन और गुंजा के प्रेम की खुशबू घुली हुई है। केराकत तहसील क्षेत्र का यह गांव है विजयीपुर। नदिया के पार की अधिकांश शूटिंग इसी गांव में हुई है।

गांव के 60 वर्षीय चंद्रभान पाठक बताते हैं कि केशव प्रसाद मिश्र के हिंदी उपन्यास कोहबर पर जब राजर्षि प्रोडक्शन ने फिल्म बनाने का फैसला लिया तो वह ऐसे स्थान की तलाश कर रहे थे, जिसमें गांव की संस्कृति सजीव हो। उनका ध्यान पूर्वांचल पर था। राजर्षि प्रोडक्शन के मैनेजर रहे स्व. रामजनक सिंह उन्हें अपने गांव विजयीपुर ले आए।

सई-गोमती के संगम पर बसे इस गांव की पहली झलक में ही निर्देशक गोविंद मुनिस मोहित हो गए। तुरंत इस लोकेशन को फाइनल कर दिया और फिर जल्द ही फिल्म यूनिट यहां जम गई। रामजनक सिंह के पौत्र व शिक्षक अनिल सिंह के मुताबिक करीब दो महीने तक विजयीपुर व राजेपुर गांव में फिल्म की शूटिंग की गई। इस दौरान तत्कालीन डीएम-एसपी खुद गांव में आते रहते थे।
 

शूटिंग देखने लोगों की भीड़ लगी रहती थी। गांव के एक छोर पर नायक (सचिन) का घर था तो दूसरे छोर पर नायिका (साधना सिंह) का। अब यह मकान पक्के हो गए हैं। गांव के प्रमुख गानों की शूटिंग भी गांव के ही आसपास हुई थी। इसके बाद जब रुपहले पर्दे पर उतरी तो सुपर हिट हो गई।

आज भी जब यह फिल्म देखते हैं तो पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं। विकास पाठक कहते हैं कि पिछले 40 वर्षों के दौरान गांव में काफी कुछ बदल गया है, मगर चंदन और गुंजा के प्रेम की यह खुशबू आज ही यहां की फिजाओं में महसूस होती है।

सलमान खान और माधुरी दीक्षित की हिट जोड़ी  

नदिया के पार की सफल कहानी पर बाद में राजश्री प्रोडक्शन ने ही बॉलीवुड की हिट पारिवारिक फिल्मों में से एक मानी जाने वाली फिल्म “हम आपके हैं कौन” बनाई। इस फिल्म से बॉलीवुड के दबंग यानी सलमान खान को पहली सौ करोड़ कमाने वाली फिल्म मिली।

माना जाता है कि इस फिल्म की लीड फीमेल एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित सलमान खान से ज्यादा फीस लेकर फिल्म करने को राजी हुई थीं। हालांकि इस फिल्म के बाद सलमान और माधुरी की जोड़ी हिट हो गई थी और दोनो ने कई फिल्मों में साथ में काम किया।

हिंदी सिनेमा ने कई फिल्में ऐसी दी हैं, जिसका आज भी कोई सानी नहीं। उनकी कहानी और किरदार सदा के लिए दर्शकों की जेहन में उतर गए। नब्बे के दशक में हिंदी सिनेमा की सफलतम फिल्म नदिया के पार भी ऐसी ही एक फिल्म है। बॉलीवुड के दिग्गज प्रोडक्शन हाउस राजश्री प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को देखने वाला शायद ही कोई ऐसा हो, जिसकी पलकें गीली न हुई हों।

समूचे पूर्वांचल के खांटी ग्रामीण परिवेश को व्यापक रूप में पहली बार बड़े पर्दे पर दर्शाने वाली यह फिल्म जौनपुर के लिए काफी अहम है। जौनपुर जिले का एक गांव ऐसा है, जहां की फिजाओं में आज भी फिल्म के लीड किरदार चंदन और गुंजा के प्रेम की खुशबू घुली हुई है। केराकत तहसील क्षेत्र का यह गांव है विजयीपुर। नदिया के पार की अधिकांश शूटिंग इसी गांव में हुई है।




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