Mahatma Gandhi Statue Outside Indian Embassy In Washington Dc Desecrated By Unruly Protesters Donald Trump – अमेरिका: विरोध प्रदर्शनों के बीच महात्मा गांधी की प्रतिमा को पहुंचाया नुकसान




वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Updated Thu, 04 Jun 2020 12:30 PM IST

महात्मा गांधी की मूर्ति को प्रदर्शनकारियों ने पहुंचाया नुकसान
– फोटो : ANI

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अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों के बीच अज्ञात लोगों ने भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को स्प्रे पेंटिंग से विरूपित कर दिया है। बताया जा रहा है कि वॉशिंंगटन डीसी में ब्लैक लाइव्स मैटर्स के प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति को अपवित्र किया है। दूतावास के अधिकारियों ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि यह घटना वॉशिंंगटन डीसी में दो जून और तीन जून की मध्यरात्रि को हुई।

भारतीय दूतावास ने विदेश विभाग को सूचित किया और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई जो मामले की पड़ताल कर रही हैं। मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारियों की टीम ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और वह छानबीन कर रही है। प्रतिमा को जल्द से जल्द साफ करने की कोशिश की जा रही है।

शांति के प्रचारक की प्रतिमा को ऐसे समय में नुकसान पहुंचाया गया है जब जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में हिरासत में हत्या के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहे हैं। इनमें से कई प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया जिसके चलते कई प्रतिष्ठित और पवित्र अमेरिकी स्मारकों को नुकसान पहुंचा है।

वाशिंगटन डीसी में प्रदर्शनकारियों ने इस हफ्ते एक ऐतिहासिक गिरजाघर को जला दिया और राष्ट्रीय स्मारक तथा लिंकन स्मारक जैसी कुछ प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक धरोहरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

वाशिंगटन में विदेशी नेताओं की कुछ प्रतिमाओं में से एक महात्मा गांधी की प्रतिमा है। इसका अनावरण अमेरिका की 16 सितंबर 2000 की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में किया था।

अक्तूबर 1998 में अमेरिकी संसद ने भारत सरकार को ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में संघीय जमीन पर महात्मा गांधी के सम्मान में’ एक स्मारक बनाने का अधिकार दिया था। भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार महात्मा गांधी की आठ फुट आठ इंच की प्रतिमा कांसे की बनी है।

इसमें एक नेता के तौर पर महात्मा गांधी को अपनी लाठी से चलते हुए दिखाया गया है जो नमक पर कर लगाने के खिलाफ उनके 1930 के मार्च की यादें ताजा करता है। इस प्रतिमा को गौतम पाल ने डिजाइन किया था और यह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की ओर से भेंट की गई थी।
 

अमेरिका में विरोध प्रदर्शनों के बीच अज्ञात लोगों ने भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को स्प्रे पेंटिंग से विरूपित कर दिया है। बताया जा रहा है कि वॉशिंंगटन डीसी में ब्लैक लाइव्स मैटर्स के प्रदर्शनकारियों ने भारतीय दूतावास के बाहर स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति को अपवित्र किया है। दूतावास के अधिकारियों ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि यह घटना वॉशिंंगटन डीसी में दो जून और तीन जून की मध्यरात्रि को हुई।

भारतीय दूतावास ने विदेश विभाग को सूचित किया और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई जो मामले की पड़ताल कर रही हैं। मेट्रोपोलिटन पुलिस के अधिकारियों की टीम ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और वह छानबीन कर रही है। प्रतिमा को जल्द से जल्द साफ करने की कोशिश की जा रही है।

शांति के प्रचारक की प्रतिमा को ऐसे समय में नुकसान पहुंचाया गया है जब जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में हिरासत में हत्या के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन चल रहे हैं। इनमें से कई प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया जिसके चलते कई प्रतिष्ठित और पवित्र अमेरिकी स्मारकों को नुकसान पहुंचा है।

वाशिंगटन डीसी में प्रदर्शनकारियों ने इस हफ्ते एक ऐतिहासिक गिरजाघर को जला दिया और राष्ट्रीय स्मारक तथा लिंकन स्मारक जैसी कुछ प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक धरोहरों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

वाशिंगटन में विदेशी नेताओं की कुछ प्रतिमाओं में से एक महात्मा गांधी की प्रतिमा है। इसका अनावरण अमेरिका की 16 सितंबर 2000 की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में किया था।

अक्तूबर 1998 में अमेरिकी संसद ने भारत सरकार को ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में संघीय जमीन पर महात्मा गांधी के सम्मान में’ एक स्मारक बनाने का अधिकार दिया था। भारतीय दूतावास की वेबसाइट के अनुसार महात्मा गांधी की आठ फुट आठ इंच की प्रतिमा कांसे की बनी है।

इसमें एक नेता के तौर पर महात्मा गांधी को अपनी लाठी से चलते हुए दिखाया गया है जो नमक पर कर लगाने के खिलाफ उनके 1930 के मार्च की यादें ताजा करता है। इस प्रतिमा को गौतम पाल ने डिजाइन किया था और यह भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) की ओर से भेंट की गई थी।
 






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