न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुरी
Updated Sat, 30 May 2020 09:52 PM IST
पुरी में रथ यात्रा की तैयारी
– फोटो : PTI
ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा पर इस बार कोरोना का असर दिख सकता है। कोविड-19 महामारी के खतरे के मद्देनजर इस बार के रथ यात्रा में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर पाबंदी होगी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने सरकार को श्रद्धालुओं के बिना ही पुरी में वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकालने का सुझाव दिया है।
इसके बाद ओडिशा सरकार ने समिति की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे को पुरी के लिए ट्रेनें नहीं चलाने को कहा है। पारंपरिक रूप से भगवान के प्रधान सेवक माने जाने वाले गजपति महाराज दिव्यसिंह देव की अध्यक्षता में शनिवार को हुई समिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया।
समिति ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार इस वार्षिक महोत्सव के सीधे प्रसारण का प्रबंध करे ताकि दुनियाभर के लाखों श्रद्धालु घरों में रहते हुए टीवी पर इसे देख सकें। इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को करना है।
वहीं 23 जून को निकलने वाली रथ यात्रा के लिए मंदिर में रथ बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। कम से कम लोगों की मौजूदगी में यात्रा निकालने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। कोरोना की वजह से इस साल के रथयात्रा को लेकर लंबे समय से असमंजस की स्थिति चल रही है।
लेकिन यहां कोरोना के बढ़ते मामलों और अम्फान तूफान की तबाही की वजह से इस पर फैसला नहीं लिया जा सका, हालांकि शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा आठ जून से मंदिरों को खोलने के आदेश के बाद अब इसके आयोजन पर राहत मिल सकती है।
ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा पर इस बार कोरोना का असर दिख सकता है। कोविड-19 महामारी के खतरे के मद्देनजर इस बार के रथ यात्रा में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर पाबंदी होगी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने सरकार को श्रद्धालुओं के बिना ही पुरी में वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथयात्रा निकालने का सुझाव दिया है।
इसके बाद ओडिशा सरकार ने समिति की सिफारिश को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे को पुरी के लिए ट्रेनें नहीं चलाने को कहा है। पारंपरिक रूप से भगवान के प्रधान सेवक माने जाने वाले गजपति महाराज दिव्यसिंह देव की अध्यक्षता में शनिवार को हुई समिति की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया।
समिति ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार इस वार्षिक महोत्सव के सीधे प्रसारण का प्रबंध करे ताकि दुनियाभर के लाखों श्रद्धालु घरों में रहते हुए टीवी पर इसे देख सकें। इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को करना है।
वहीं 23 जून को निकलने वाली रथ यात्रा के लिए मंदिर में रथ बनाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। कम से कम लोगों की मौजूदगी में यात्रा निकालने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। कोरोना की वजह से इस साल के रथयात्रा को लेकर लंबे समय से असमंजस की स्थिति चल रही है।
लेकिन यहां कोरोना के बढ़ते मामलों और अम्फान तूफान की तबाही की वजह से इस पर फैसला नहीं लिया जा सका, हालांकि शनिवार को केंद्र सरकार द्वारा आठ जून से मंदिरों को खोलने के आदेश के बाद अब इसके आयोजन पर राहत मिल सकती है।
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