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Lockdown: Printing Of Notes Not Done In Bnp Dewas For One And Half Month, Cash Crisis May Come On Demand – मध्यप्रदेश: डेढ़ महीने से बीएनपी में नहीं हुई नोटों की छपाई, मांग बढ़ी तो नकदी संकट संभव




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Updated Wed, 06 May 2020 08:47 AM IST

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मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) में कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर डेढ़ महीने से काम बंद है। इस पूरी अवधि में करीब 52.50 करोड़ नोट छापे जाने थे। लेकिन कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण इन नोटों की छपाई का काम नहीं हो सका। 

वहीं, दूसरी नोट प्रेस महाराष्ट्र के नासिक जिले में है, लेकिन वहां भी नोट छपाई का काम बंद है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद प्रेस में नोट का कागज तैयार किए जाने का काम होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां भी सब बंद है। 

केंद्र सरकार ने गाइडलाइन बनाकर फैक्ट्रियों में काम फिर से शुरू करने का आदेश दिया है, लेकिन बीएनपी में काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि अगर लॉकडाउन के बाद नोटों की मांग बढ़ी तो नकदी का संकट खड़ा हो सकता है। 

बीएनपी में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी देवास, इंदौर और उज्जैन से आते हैं, लेकिन इन जिलों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने इन्हें रेड जोन में वर्गीकृत किया हुआ है। 

नोट प्रेस के एचआर प्रमुख वीके महारिया ने बताया कि बीएनपी में लगभग 1100 कर्मचारी कार्यरत हैं। ज्यादातर कर्मचारी देवास से आते हैं, जो रेड जोन वाला क्षेत्र है। वहीं, नोट प्रेस के अधिकारी और कुछ कर्मचारी उज्जैन और इंदौर से भी आते हैं, लेकिन इन दोनों जिलों को भी एहतियातन रेड जोन में रखा गया है। 

बता दें कि बीएनपी में एक वर्ष में 4200-4500 मिलियन नोट छापने का लक्ष्य रखा गया है। 

मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित बैंक नोट प्रेस (बीएनपी) में कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर डेढ़ महीने से काम बंद है। इस पूरी अवधि में करीब 52.50 करोड़ नोट छापे जाने थे। लेकिन कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण इन नोटों की छपाई का काम नहीं हो सका। 

वहीं, दूसरी नोट प्रेस महाराष्ट्र के नासिक जिले में है, लेकिन वहां भी नोट छपाई का काम बंद है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद प्रेस में नोट का कागज तैयार किए जाने का काम होता था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वहां भी सब बंद है। 

केंद्र सरकार ने गाइडलाइन बनाकर फैक्ट्रियों में काम फिर से शुरू करने का आदेश दिया है, लेकिन बीएनपी में काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि अगर लॉकडाउन के बाद नोटों की मांग बढ़ी तो नकदी का संकट खड़ा हो सकता है। 

बीएनपी में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी देवास, इंदौर और उज्जैन से आते हैं, लेकिन इन जिलों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने इन्हें रेड जोन में वर्गीकृत किया हुआ है। 

नोट प्रेस के एचआर प्रमुख वीके महारिया ने बताया कि बीएनपी में लगभग 1100 कर्मचारी कार्यरत हैं। ज्यादातर कर्मचारी देवास से आते हैं, जो रेड जोन वाला क्षेत्र है। वहीं, नोट प्रेस के अधिकारी और कुछ कर्मचारी उज्जैन और इंदौर से भी आते हैं, लेकिन इन दोनों जिलों को भी एहतियातन रेड जोन में रखा गया है। 

बता दें कि बीएनपी में एक वर्ष में 4200-4500 मिलियन नोट छापने का लक्ष्य रखा गया है। 




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