Late Kannada Superstar Rajkumar Birthday Special Veerappan Had Kidnapped Actor For Extortion – जब भारतीय सिनेमा के ‘जेम्स बॉन्ड’ को वीरप्पन ने कर लिया था अगवा, 108 दिनों बाद हुई थी रिहाई




राजकुमार
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई

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कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार भारतीय सिनेमा की दुनिया भर में पहचान बनाने वाले अभिनेताओं में से रहे हैं। उन्हें उनकी फिल्मों के कारण भारत के ‘जेम्स बॉन्ड’ की उपाधि भी दी गई। 24 अप्रैल 1929 को पैदा हुए राजकुमार ने सिनेमा के सफर में कई ऐसी मिसाल कायम की हैं जो आज तक याद की जाती हैं। वहीं राजकुमार के जिंदगी से जुड़ी एक ऐसी घटना भी है जिसके कारण वे अपनी फिल्मों से भी अधिक मशहूर हुए। दरअसल कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार का तमगा प्राप्त कर चुके राजकुमार को साल 2000 में कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने अगवा कर लिया था और वे करीब 108 दिनों तक उसके चंगुल में फंसे हुए थे।

वीरप्पन ने राजकुमार को उनके फॉर्महाउस से अगवा किया था। इसके बाद राज्य से लेकर पूरे देश में हड़कम्प मच गया था। बंगलूरू में तो लोग सड़क पर ही उतर आए थे। कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकारें भी उन्हें छुड़ा नहीं पाई थीं। राजकुमार की रिहाई के बदले वीरप्पन की मांगों पर तमिल पत्रिका नाक्केरन के संपादक पत्रकार आरआर गोपाल ने बातचीत की थी। बताया जाता है कि राजकुमार के रिहाई के लिए वीरप्पन को सरकार से अच्छा पैसा मिला था। गौरतलब है कि साल 2004 में तमिलनाडु टास्क फोर्स से हुई एक मुठभेड़ के दौरान वीरप्पन की मौत हो गई थी।

साल 1978 में राजकुमार को कर्नाटक की चिकमंगलूर लोकसभा से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आया था। उस दौर में लोगों के बीच राजकुमार की अच्छी शोहरत थी। जनता पार्टी भी इंदिरा गांधी को किसी भी तरह हराना चाहती थी लेकिन राजकुमार ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। बड़े-बड़े नेताओं ने राजकुमार को मनाने की कोशिश भी की लेकिन राजकुमार नहीं माने। अपने जीवनकाल में उन्होंने इसका कारण भी किसी को नहीं बताया। हालांकि उनकी मौत के बाद उनके बेटे राघवेंद्र राजकुमार ने बताया था कि दरअसल उनके पिता किसी भी कीमत पर राजनीतिक हथियार नहीं बनना चाहते थे। वह यह बात समझ गए थे कि राजनीति में उनका इस्तेमाल किसी को हराने के लिए किया जा रहा है इस वजह से उन्होंने दूरी बनाए रखना सही समझा।

गौरतलब है कि राजकुमार का असली नाम सिंगनल्लूर पुट्टस्वामैया मुथुराज था। उन्होंने करीब 200 फिल्मों में काम किया था। इसके साथ ही वह एक कमाल के गायक भी थे। उन्होंने अपने करियर में लगभग 400 गाने गाए। उनकी पहली फिल्म ‘बेडरा कनप्पा’ थी जो कि साल 1954 में प्रदर्शित हुई थी। देश में जेम्स बॉन्ड जैसे जासूस का किरदार निभाने वाले वह पहले भारतीय अभिनेता रहे।  वह तीन नेशनल अवॉर्ड से नवाजे गए। उन्हें दादासाहेब फाल्के के अलावा पद्म भूषण, साउथ फिल्मफेयर अवॉर्ड, कर्नाटक स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स भी प्राप्त हुआ। साल 2000 में उनकी अंतिम फिल्म ‘शब्दवेधी’ रिलीज हुई थी। 12 अप्रैल 2006 को 77 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से उनका निधन हो गया था।

कन्नड़ सुपरस्टार राजकुमार भारतीय सिनेमा की दुनिया भर में पहचान बनाने वाले अभिनेताओं में से रहे हैं। उन्हें उनकी फिल्मों के कारण भारत के ‘जेम्स बॉन्ड’ की उपाधि भी दी गई। 24 अप्रैल 1929 को पैदा हुए राजकुमार ने सिनेमा के सफर में कई ऐसी मिसाल कायम की हैं जो आज तक याद की जाती हैं। वहीं राजकुमार के जिंदगी से जुड़ी एक ऐसी घटना भी है जिसके कारण वे अपनी फिल्मों से भी अधिक मशहूर हुए। दरअसल कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार का तमगा प्राप्त कर चुके राजकुमार को साल 2000 में कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन ने अगवा कर लिया था और वे करीब 108 दिनों तक उसके चंगुल में फंसे हुए थे।

वीरप्पन ने राजकुमार को उनके फॉर्महाउस से अगवा किया था। इसके बाद राज्य से लेकर पूरे देश में हड़कम्प मच गया था। बंगलूरू में तो लोग सड़क पर ही उतर आए थे। कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकारें भी उन्हें छुड़ा नहीं पाई थीं। राजकुमार की रिहाई के बदले वीरप्पन की मांगों पर तमिल पत्रिका नाक्केरन के संपादक पत्रकार आरआर गोपाल ने बातचीत की थी। बताया जाता है कि राजकुमार के रिहाई के लिए वीरप्पन को सरकार से अच्छा पैसा मिला था। गौरतलब है कि साल 2004 में तमिलनाडु टास्क फोर्स से हुई एक मुठभेड़ के दौरान वीरप्पन की मौत हो गई थी।




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