Kedarnath Dhaam Doors To Open On The Pre Decided Date No Changes Due To Lockdown – निर्धारित तिथि पर ही खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट, लॉकडाउन के कारण नहीं होगा बदलाव 




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उत्तराखंड
Updated Tue, 21 Apr 2020 12:14 PM IST

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भगवान केदारनाथ धाम के कपाट तय तिथि यानी 29 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे ही खुलेंगे। पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचगाई समिति के प्रमुख लोगों के साथ वरिष्ठ तीर्थपुरोहित, आचार्य और वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। 

बताया गया कि बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने कपाट खुलने के समय में बदलाव का पुरजोर विरोध किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने दो तर्क दिए। पहला ये कि केदारनाथ धाम में पहले भी तीर्थ-पुरोहित ही कपाट खुलने की मुख्य पूजा करते रहे हैं। 

वहीं दूसरा तर्क यह था कि कपाट खुलने की तिथि या लग्न बदलना शुभ नहीं होता। बैठक में ये बात भी सामने आई कि अगर, केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव होता है, तो इससे द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में भी बदलाव करना पड़ेगा, जो कि पहले से ही क्रमश: 11 मई व 20 मई के लिए तय की गई हैं। 

इसके अलावा केदारनाथ के क्षेत्रपाल भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा के लिए भी नई तिथि तय करनी होगी। जिसके बाद सर्वसम्मति से तिथि नहीं बदलने का निर्णय लिया गया।

निवर्तमान मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह और रावल भीमाशंकर लिंग ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के तहत भगवान केदारनाथ धाम के कपाट महाशिवरात्रि को तय तिथि और समय के अनुसार ही खोले जाएंगे। 

बाबा केदार की डोली पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 26 अप्रैल को ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम के लिए प्रस्थान करेगी। बैठक में वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी और पंचगाई प्रमुख समेत कई तीर्थ-पुरोहित मौजूद थे।

भगवान केदारनाथ धाम के कपाट तय तिथि यानी 29 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे ही खुलेंगे। पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचगाई समिति के प्रमुख लोगों के साथ वरिष्ठ तीर्थपुरोहित, आचार्य और वेदपाठियों की मौजूदगी में केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। 

बताया गया कि बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने कपाट खुलने के समय में बदलाव का पुरजोर विरोध किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में तीर्थ-पुरोहितों ने दो तर्क दिए। पहला ये कि केदारनाथ धाम में पहले भी तीर्थ-पुरोहित ही कपाट खुलने की मुख्य पूजा करते रहे हैं। 

वहीं दूसरा तर्क यह था कि कपाट खुलने की तिथि या लग्न बदलना शुभ नहीं होता। बैठक में ये बात भी सामने आई कि अगर, केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में बदलाव होता है, तो इससे द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि में भी बदलाव करना पड़ेगा, जो कि पहले से ही क्रमश: 11 मई व 20 मई के लिए तय की गई हैं। 


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सर्वसम्मति से तिथि नहीं बदलने का निर्णय




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