Jamia Violence Sharjeel Imam Moves High Court Against Trial Court Order That Give Police 3 Months Time To File Chargesheet And Also Ask Default Bail – पुलिस को जांच पूरी करने के लिए समय देने के खिलाफ शरजील की हाईकोर्ट में याचिका




अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Mon, 11 May 2020 03:53 PM IST

ख़बर सुनें

दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए शरजील इमाम ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

शरजील ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें इस मामले की जांच करने और चार्जशीट फाइल करने के लिए तीन और महीने का समय दिया है। शरजील ने कहा है कि पुलिस को और समय न दिया जाए साथ ही उन्हें जमानत भी दी जाए।

क्या है पूरा मामला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण के सिलसिले में जांच पूरी करने के लिए पुलिस को और समय दिया था।

हाईकोर्ट के सामने यह याचिका पेश की गई है और इसके 14 मई को सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। इमाम ने सुनवाई अदालत के 25 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत दिल्ली पुलिस को गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में जांच पूरी करने के लिये 90 दिन की तय सीमा से अतिरिक्त समय की इजाजत दी गई थी।

उसने अदालत से इस मामले में निर्धारित 90 दिन की समय सीमा के अंदर जांच नहीं पूरी होने पर जमानत दिए जाने का भी अनुरोध किया। निचली अदालत ने हाल में उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिसंबर में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास के हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में इमाम को 28 जनवरी को गिफ्तार किया गया था। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद जांच पूरी करने के लिये निर्धारित 90 दिन की मियाद 27 अप्रैल को खत्म हो गई थी।
 

दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए शरजील इमाम ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

शरजील ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें इस मामले की जांच करने और चार्जशीट फाइल करने के लिए तीन और महीने का समय दिया है। शरजील ने कहा है कि पुलिस को और समय न दिया जाए साथ ही उन्हें जमानत भी दी जाए।

क्या है पूरा मामला

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण के सिलसिले में जांच पूरी करने के लिए पुलिस को और समय दिया था।

हाईकोर्ट के सामने यह याचिका पेश की गई है और इसके 14 मई को सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। इमाम ने सुनवाई अदालत के 25 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत दिल्ली पुलिस को गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत दर्ज मामले में जांच पूरी करने के लिये 90 दिन की तय सीमा से अतिरिक्त समय की इजाजत दी गई थी।

उसने अदालत से इस मामले में निर्धारित 90 दिन की समय सीमा के अंदर जांच नहीं पूरी होने पर जमानत दिए जाने का भी अनुरोध किया। निचली अदालत ने हाल में उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिसंबर में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास के हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में इमाम को 28 जनवरी को गिफ्तार किया गया था। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद जांच पूरी करने के लिये निर्धारित 90 दिन की मियाद 27 अप्रैल को खत्म हो गई थी।
 






Source link

Leave a comment