Indian Sources Say Oic’s Criticism Regrettable, Said- Conspiracy To Spoil Indo-arab Relations – ओआईसी की आलोचना को भारत ने बताया खेदजनक, कहा, भारत-अरब रिश्ते बिगाड़ने की साजिश




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 23 Apr 2020 09:14 PM IST

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इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की तरफ से भारत की आलोचना करने को केंद्र सरकार ने इसे खेदजनक बताया है। दरअसल कोरोना वायरस से निजात पाने में भारत में मुसलमानों के कथित उत्पीड़न को लेकर खाड़ी देशों में आलोचना की गई, जिस पर सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत-अरब संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए यह जानबूझकर किया गया प्रयास है।

भारत की ओर से सरकारी सूत्र ने कहा कि ओआईसी को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास नहीं करना चाहिए। ओआईसी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है, जिसमें भारत में मुसलमानों के उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं।

इससे पहले इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भारत से अनुरोध किया था कि वह अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करे और देश में इस्लामोफोबिया की घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत बड़े कदम उठाए।

वहीं, इस मामले पर ओआईसी के आईपीएचआरसी (स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग) ने एक ट्वीट किया था। आयोग ने इस ट्वीट में कहा था कि भारतीय मीडिया मुस्लिमों की नकारात्मक छवि बना रही है। आयोग ने यह भी आरोप लगाया था कि भारतीय मीडिया उनके साथ भेदभाव कर रही है।

नकवी ने किया था बचाव

इस मामले पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हाल ही में सरकार का बचाव करते हुए कहा था कि देश में अल्पसंख्यक समुदायों समेत सभी वर्गों के अधिकार सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ लोग दुष्प्रचार और फर्जी खबरों के जरिए देश की एकता के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। 

उन्होंने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों का विकास हो रहा है और इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है।  




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