India Hit Back To Pakistan After They Criticises India For Starting Construction Of Ram Temple In Ayodhya – भारत ने पाक को दिखाया आईना, अयोध्या मामले पर बोलने पर जमकर लताड़ा




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 28 May 2020 11:15 PM IST

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भारत ने राम मंदिर के निर्माण पर सवाल उठाने और उसकी आलोचना करने पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है जो कानून के शासन द्वारा सेवा करता है और सभी धर्मों के लिए समान अधिकारों की गारंटी देता है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय चाहे तो समय निकालकर खुद के संविधान को पढ़कर, अंतर को महसूस कर सकता है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हमने पाक द्वारा एक ऐसे बेतुके बयान को देखा है जिस पर उसका कोई ठिकाना नहीं है। अपने रिकॉर्ड को देखते हुए, पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों का उल्लेख करने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए।’

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए भारत की आलोचना करते हुए कहा था कि यह दर्शाता है कि देश में मुसलमानों को कैसे हाशिए पर रखा जा रहा है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने बुधवार रात एक बयान में कहा कि ऐसे में जब पूरी दुनिया अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी से जूझ रही है ‘आरएसएस-भाजपा गठजोड़’, ‘हिंदुत्व’ के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। उसने कहा, ‘अयोध्या में ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद स्थल पर 26 मई 2020 को मंदिर निर्माण की शुरुआत इस दिशा में एक और कदम है तथा पाकिस्तान की सरकार और लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’

बता दें कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मालिकाना हक मामले में सुनाए गए अपने फैसले में कहा था कि पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि रामलला को सौंप दी जानी चाहिए जो कि तीन वादियों में से एक हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने साथ ही केंद्र को निर्देश दिया था कि वह अयोध्या में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करे।

भारत ने राम मंदिर के निर्माण पर सवाल उठाने और उसकी आलोचना करने पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है जो कानून के शासन द्वारा सेवा करता है और सभी धर्मों के लिए समान अधिकारों की गारंटी देता है। पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय चाहे तो समय निकालकर खुद के संविधान को पढ़कर, अंतर को महसूस कर सकता है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, ‘हमने पाक द्वारा एक ऐसे बेतुके बयान को देखा है जिस पर उसका कोई ठिकाना नहीं है। अपने रिकॉर्ड को देखते हुए, पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों का उल्लेख करने के लिए शर्मिंदा होना चाहिए।’

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए भारत की आलोचना करते हुए कहा था कि यह दर्शाता है कि देश में मुसलमानों को कैसे हाशिए पर रखा जा रहा है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने बुधवार रात एक बयान में कहा कि ऐसे में जब पूरी दुनिया अभूतपूर्व कोविड-19 महामारी से जूझ रही है ‘आरएसएस-भाजपा गठजोड़’, ‘हिंदुत्व’ के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। उसने कहा, ‘अयोध्या में ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद स्थल पर 26 मई 2020 को मंदिर निर्माण की शुरुआत इस दिशा में एक और कदम है तथा पाकिस्तान की सरकार और लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं।’

बता दें कि भारत के उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल नौ नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मालिकाना हक मामले में सुनाए गए अपने फैसले में कहा था कि पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि रामलला को सौंप दी जानी चाहिए जो कि तीन वादियों में से एक हैं। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने साथ ही केंद्र को निर्देश दिया था कि वह अयोध्या में एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करे।




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