न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 04 Jun 2020 12:36 AM IST
करीब एक महीने से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में जारी सीमा विवाद के बीच पहली बार चीनी सैनिक पीछे हटे हैं। करीब एक महीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामक रुख अपना रही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले तीन-चार दिन से कोई बड़ी हलचल नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना एक जगह पर अपनी पहले की स्थिति से करीब 100 मीटर पीछे हटी है। वहीं, बाकी जगहों पर भी पिछले कुछ दिनों से उसका आक्रामक रुख नहीं दिख रहा है। चीनी सेना के रवैये में यह बदलाव छह जून को प्रस्तावित दोनाें देशों के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बैठक से ठीक पहले आया है। इसे सीमा विवाद निपटने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
एक महीने से चल रहा विवाद
लद्दाख में पांच मई और सिक्किम सीमा पर नौ मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उसके बाद से लद्दाख में तनातनी जारी है। इस दौरान दोनों देशों ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है। विवाद निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर करीब एक दर्जन बार बातचीत हो चुकी है। इस दौरान चीनी वायुसेना द्वारा लद्दाख के आसपास युद्धक विमान उड़ाने का मुद्दा भी उठाया गया।
करीब एक महीने से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में जारी सीमा विवाद के बीच पहली बार चीनी सैनिक पीछे हटे हैं। करीब एक महीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामक रुख अपना रही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले तीन-चार दिन से कोई बड़ी हलचल नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना एक जगह पर अपनी पहले की स्थिति से करीब 100 मीटर पीछे हटी है। वहीं, बाकी जगहों पर भी पिछले कुछ दिनों से उसका आक्रामक रुख नहीं दिख रहा है। चीनी सेना के रवैये में यह बदलाव छह जून को प्रस्तावित दोनाें देशों के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बैठक से ठीक पहले आया है। इसे सीमा विवाद निपटने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
एक महीने से चल रहा विवाद
लद्दाख में पांच मई और सिक्किम सीमा पर नौ मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। उसके बाद से लद्दाख में तनातनी जारी है। इस दौरान दोनों देशों ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है। विवाद निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर करीब एक दर्जन बार बातचीत हो चुकी है। इस दौरान चीनी वायुसेना द्वारा लद्दाख के आसपास युद्धक विमान उड़ाने का मुद्दा भी उठाया गया।
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