वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Updated Sun, 26 Apr 2020 10:45 PM IST
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में फिसड्डी साबित हो रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर शक्तिशाली सेना ने किनारे कर दिया है। महामारी पर काबू पाने के इमरान सरकार के अधूरे कदमों की वजह से पाकिस्तान में 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इमरान खान की नाकामी के बाद सेना प्रमुख कमर अहमद बाजवा ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। इससे यह फिर साबित हो गया कि पाकिस्तान में सत्ता की असली कमान सेना के हाथ में है और इमरान खान महज एक कठपुतली हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने 22 मार्च को देश के नाम संबोधन में देशव्यापी लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे उनका तर्क था कि इससे गरीबों के सामने नौकरी और खाने का संकट पैदा हो जाएगा। हालांकि, उनकी फजीहत तब हो गई जब इमरान के एलान के 24 घंटे बाद ही पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने देश में लॉकडाउन लागू करने की घोषणा कर दी। इसके चलते लॉकडाउन लागू होने के साथ ही पूरे देश में सेना को तैनात कर दिया गया। इसके साथ ही नेशनल कोर कमेटी कोरोना वायरस की स्थिति पर नजर रख रही है। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने बताया कि इमरान सरकार ने कोविड-19 पर काबू पाने में बड़ी खाई छोड़ दी थी। सेना इसी खाई को पाटने की कोशिश कर रही है। ऐसे में इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर और एफएटीएफ मुद्दे पर बुरी तरह फ्लॉप रहने के बाद जनरल बाजवा की इमरान खान से नहीं बन पा रही है। वह इमरान से नाराज हैं और इसका कारण इमरान का कश्मीर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान नहीं खींच पाना और एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को नहीं निकल पाना शामिल है।
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में फिसड्डी साबित हो रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को एक बार फिर शक्तिशाली सेना ने किनारे कर दिया है। महामारी पर काबू पाने के इमरान सरकार के अधूरे कदमों की वजह से पाकिस्तान में 12 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इमरान खान की नाकामी के बाद सेना प्रमुख कमर अहमद बाजवा ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। इससे यह फिर साबित हो गया कि पाकिस्तान में सत्ता की असली कमान सेना के हाथ में है और इमरान खान महज एक कठपुतली हैं।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान ने 22 मार्च को देश के नाम संबोधन में देशव्यापी लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया था। इसके पीछे उनका तर्क था कि इससे गरीबों के सामने नौकरी और खाने का संकट पैदा हो जाएगा। हालांकि, उनकी फजीहत तब हो गई जब इमरान के एलान के 24 घंटे बाद ही पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने देश में लॉकडाउन लागू करने की घोषणा कर दी। इसके चलते लॉकडाउन लागू होने के साथ ही पूरे देश में सेना को तैनात कर दिया गया। इसके साथ ही नेशनल कोर कमेटी कोरोना वायरस की स्थिति पर नजर रख रही है। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने बताया कि इमरान सरकार ने कोविड-19 पर काबू पाने में बड़ी खाई छोड़ दी थी। सेना इसी खाई को पाटने की कोशिश कर रही है। ऐसे में इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर और एफएटीएफ मुद्दे पर बुरी तरह फ्लॉप रहने के बाद जनरल बाजवा की इमरान खान से नहीं बन पा रही है। वह इमरान से नाराज हैं और इसका कारण इमरान का कश्मीर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान नहीं खींच पाना और एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को नहीं निकल पाना शामिल है।
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