Home Ministry Letter To The State Government,says, Send Home Only Those Migrants Who Stranded By Unaware – अब सिर्फ इस श्रेणी में आने वाले प्रवासी ही जा सकेंगे घर, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को दिया निर्देश




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 04 May 2020 12:35 AM IST

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देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है और इस वजह से देश में लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में राहत की खबर तब आई जब प्रवासी मजदूरों को आवाजाही की अनुमति मिल गई। लेकिन जब भारी संख्या में लोगों ने घर जाने की अनुमति मांगी तो गृह मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान आने-जाने की मंजूरी सिर्फ और सिर्फ प्रवासी कामगारों को है अन्य लोगों को नहीं। 

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने जाने को मंजूरी दी है जो लॉकडाउन की अवधि से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के नियमों के चलते लोगों अथवा वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण अपने मूल निवासों अथवा कार्यस्थलों पर लौट नहीं पाए थे।

पत्र में कहा गया है कि आदेश में जो सुविधा दी गई है वह अत्यंत संकट में फंसे लोगों के लिए है, लेकिन ऐसे श्रेणी के लोग इसके दायरे में नहीं आते जो कामकाज के लिए अपने मूल स्थान से पहले से दूर हैं और सुरक्षित हैं। पत्र में लिखा गया है कि इस संकट की घड़ी में  बेवजह कोई भी लोग घर ना जाए।

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के द्वारा उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी है। जिसमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना आदि शामिल है।

रविवार शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 40263 हो गई है। वहीं, देश में कोरोना से अब तक कुल 1306 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 10887 मरीज ठीक भी हो गए हैं। 
 

देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है और इस वजह से देश में लॉकडाउन को 17 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में राहत की खबर तब आई जब प्रवासी मजदूरों को आवाजाही की अनुमति मिल गई। लेकिन जब भारी संख्या में लोगों ने घर जाने की अनुमति मांगी तो गृह मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान आने-जाने की मंजूरी सिर्फ और सिर्फ प्रवासी कामगारों को है अन्य लोगों को नहीं। 

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने जाने को मंजूरी दी है जो लॉकडाउन की अवधि से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के नियमों के चलते लोगों अथवा वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण अपने मूल निवासों अथवा कार्यस्थलों पर लौट नहीं पाए थे।

पत्र में कहा गया है कि आदेश में जो सुविधा दी गई है वह अत्यंत संकट में फंसे लोगों के लिए है, लेकिन ऐसे श्रेणी के लोग इसके दायरे में नहीं आते जो कामकाज के लिए अपने मूल स्थान से पहले से दूर हैं और सुरक्षित हैं। पत्र में लिखा गया है कि इस संकट की घड़ी में  बेवजह कोई भी लोग घर ना जाए।

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को ट्रेनों और बसों के द्वारा उनके आने जाने की मंजूरी कुछ खास शर्तों पर दी है। जिसमें भेजने और गंतव्य वाले राज्यों की सहमति, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना आदि शामिल है।

रविवार शाम को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 40263 हो गई है। वहीं, देश में कोरोना से अब तक कुल 1306 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि राहत की बात यह है कि 10887 मरीज ठीक भी हो गए हैं। 
 




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