न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 08 Jun 2020 05:24 PM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे
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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने 45 नगर निगम के जिला कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों, जिला अस्पतालों के अधीक्षकों और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। ये 38 जिले महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के हैं।
मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन में राहद देने और प्रतिबंध हटाने को ध्यान में रखते हुए राज्यों को सलाह दी गई है कि आने वाले महीनों के लिए वह जिलों के अनुसार योजना तैयार कर लें। बैठक के दौरान अधिक जनसंख्या वाले शहरी इलाकों में संक्रमण के तेज प्रसार, घर-घर सर्वे करने का महत्व, लगातार जांच, चिकित्सकीय व्यवस्थाएं और कंटेनमेंट रणनीति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘राज्य के अधिकारियों को सलाह दी गई है कि कंटेनमेंट जोन में कोरोना के मामलों के प्रबंधन, बफर जोन में निगरानी गतिविधियों को लेकर और उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए उचित मानक लागू करें।’ सक्रिय निगरानी उपायों, पर्याप्त जांच और मामलों की समय पर पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। लक्षणों को बढ़ाए बिना रोगियों का समय पर स्थानांतरण सुनिश्चित करें।
कोविड-19 के कंटेनमेंट के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के लिए उचित योजना तैयार करनी चाहिए, पर्याप्त संख्या में निगरानी दल उपलब्ध कराए जाने चाहिए और पलंग के प्रबंधन के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जानी चाहिए।