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एएनआई ने एक आधिकारिक बयान के हवाले से कहा कि तकनीकी समिति ने इन दो एंटीवायरल दवाओं को कोविड-19 के उपचार में उपयोग के लिए फिट नहीं पाया है। क्योंकि दवाओं के प्रभाव को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आया है। जिन देशों ने इन दो एंटीवायरल ड्रग्स का इस्तेमाल किया है। वहां कोरोना वायरस के रोगियों पर इसके अच्छे परिणाम नहीं दिखे हैं।
इन दो दवाओं की वजह से ना ही तो मृत्यु दर में कमी आई है और ना ही इससे मरीजों के ठीक होने की अवधि सुधाक हुई है। बयान मे कहा गया कि अभी तक हम केवल चयनित व्यक्तियों में कोविड-19 के प्रोफिलैक्सिस के रूप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सलाह देते हैं।
भारत की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने गिलीड साइंसेज के साथ कोविड-19 के इलाज की संभावित दवा ‘रेमेडिसविर’ के विनिर्माण और वितरण के लिए गैर-विशेष लाइसेंसिंग समझौता किया है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है।