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हज कमेटी ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मसूद अहमद खान बताया कि केंद्रीय हज समिति ने यह फैसला हज यात्रियों की सुविधा को लिया है। खान ने कहा कि तैयारी के लिए केवल कुछ सप्ताह ही बचे हैं और अब तक हज यात्रा के बारे में सऊदी अरब में अधिकारियों से कोई संवाद नहीं हुआ है। उधर, भारतीय हज कमेटी ने एक परिपत्र के माध्यम से हज-2020 पर जाने के लिए चयनित लोगों से कहा है कि हज पर नहीं जाने की इच्छा रखने वाले लोग अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि सऊदी अरब में भी कोरोना मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हमारे यहां से दो लाख लोगों को जाना है। हमारी तैयारी थी, लेकिन अब समय बहुत कम बचा है। हम सऊदी अरब की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी आने का इंतजार कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बार भारत से हज पर लोगों के जाने की संभावना बहुत कम है।
हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान की तरफ से जारी परिपत्र के मुताबिक हज-2020 में कुछ सप्ताह का समय बचा है और अब तक सऊदी अरब की तरफ से आगे की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में फैसला किया गया है कि हज यात्रा पर नहीं जाने के इच्छुक लोगों को उनके द्वारा जमा कराई गई रकम वापस की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को पैसे बिना किसी कटौती के वापस किए जाएंगें।
गौरतलब है कि सऊदी अरब में कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं और वहां की सरकार ने अब तक हज को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। इस बीच कुछ देशों ने अपने लोगों को इस बार हज के लिए नहीं भेजने का फैसला किया है। इनमें सबसे प्रमुख नाम इंडोनिशया का है जो दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। इस साल हज-2020 जुलाई के आखिर और अगस्त महीने की शुरुआत के बीच की अवधि में प्रस्तावित है।