न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 08 May 2020 10:47 PM IST
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सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बाजार उधार सीमा में भारी-भरकम 4.2 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। कोविड-19 संकट की वजह से अर्थव्यस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में राजस्व में कमी की भरपाई के लिए सरकार ने बाजार से कर्ज जुटाने की अनुमानित सीमा को बढ़ा दिया है।
सरकार अपनी आमदनी और खर्च के अंतर को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज जुटाती है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि 2020-21 में अनुमानित सकल बाजार उधारी 12 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बजट अनुमान 2020-21 में इसे 7.80 लाख करोड़ रुपये रखा गया था। कोविड-19 संकट की वजह से बाजार कर्ज के अनुमान में बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी।
सरकार ने साप्ताहिक उधारी लक्ष्य को भी बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इससे पहले 31 मार्च को साप्ताहिक उधारी को 21,000 करोड़ रुपये तय किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में वित्त वर्ष के दौरान सकल उधारी अनुमान 7.8 लाख करोड़ रुपये रखा था। इससे पहले 2019-20 में यह अनुमान 7.1 लाख करोड़ रुपये पर था।
बाजार कर्ज अनुमान में बढ़ोतरी के बाद अब सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भी बढ़ाना होगा। चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।