न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 08 Jun 2020 12:32 PM IST
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने भारतीय सेना का एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें दिखाया गया है कि कैसे विषम हालातों में सेना दिन-रात देश की सीमाओं को सुरक्षित रख रही है। वीडियो को ट्वीट करते हुए रेड्डी ने लिखा, ‘भारतीय सेना का प्रेरणादायक और अद्भुत वीडियो जो लद्दाख के उत्तरी भाग में हमारी सीमाओं को सुरक्षित कर रहे हैं।’
इससे पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने मध्य हुबेई प्रांत के ऊंचाई वाले उत्तर पश्चिमी इलाके में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों के साथ युद्धाभ्यास किया। जिसका वीडियो चीनी मीडिया ने शेयर किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह पूरा ऑपरेशन चंद घंटों में पूरा कर लिया गया। दरअसल इसका मकसद भारत के साथ लगती सीमा पर जल्द से जल्द भारी हथियार और साजो सामान पहुंचाने की तैयारियों को परखना था।
तिब्बत में भी कर चुका है युद्धाभ्यास
इससे पहले चीनी सेना एक जून को भी तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात के घने अंधेरे में युद्धाभ्यास कर चुकी है। चीन की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने सोमवार देर रात 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सेना भेजी और कठिन हालात में अपनी क्षमता का परीक्षण किया था।
भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने भारतीय सेना का एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें दिखाया गया है कि कैसे विषम हालातों में सेना दिन-रात देश की सीमाओं को सुरक्षित रख रही है। वीडियो को ट्वीट करते हुए रेड्डी ने लिखा, ‘भारतीय सेना का प्रेरणादायक और अद्भुत वीडियो जो लद्दाख के उत्तरी भाग में हमारी सीमाओं को सुरक्षित कर रहे हैं।’
इससे पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने मध्य हुबेई प्रांत के ऊंचाई वाले उत्तर पश्चिमी इलाके में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों के साथ युद्धाभ्यास किया। जिसका वीडियो चीनी मीडिया ने शेयर किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह पूरा ऑपरेशन चंद घंटों में पूरा कर लिया गया। दरअसल इसका मकसद भारत के साथ लगती सीमा पर जल्द से जल्द भारी हथियार और साजो सामान पहुंचाने की तैयारियों को परखना था।
तिब्बत में भी कर चुका है युद्धाभ्यास
इससे पहले चीनी सेना एक जून को भी तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात के घने अंधेरे में युद्धाभ्यास कर चुकी है। चीन की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने सोमवार देर रात 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सेना भेजी और कठिन हालात में अपनी क्षमता का परीक्षण किया था।
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