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मगर सूत्रों के अनुसार इस बात के प्रबल आसार हैं कि भाजपा के तीन और सिंधिया खेमे के कम से कम दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिन पांच को मंत्री बनाए जाने बापत भाजपा के सूत्र बता रहे हैं उनमें भाजपा से नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव औऱ भूपेंद्र सिंह हैं जबकि सिंधिया के साथ भाजपा में गए पूर्व मंत्रियों में तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं। देर रात तक जिस तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के यहां रस्साकसी चल रही थी उसे देखते हुए आखिरी वक्त तक इस संख्या औऱ नामों में कुछ फेरबदल भी हो सकता है।
प्रत्यक्ष तौर पर अभी कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मंत्रिमंडल के गठन को मीडिया की उपज बता रहे हैं। उनका कहना है कि मंत्रिमंडल से ज्यादा जरूरी कोविड19 से लड़ाई है। इसलिए भाजपा मंत्रिमंडल गठन की जल्दबाजी करके जनता के बीच में कोई गलत संदेश नहीं देना चाहती। कैलाश विजयवर्गीय की इस राय से वरिष्ठ नेता प्रभात झा भी इत्तेफाक रखते हैं। प्रभात झा का कहना है कि जनता की सेवा और उसकी जान बचाना पहली प्राथमिकता है।
कभी भी हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार
भाजपा के एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के अनुसार मंगलवार शाम तक संक्षिप्त मंत्रिमंडल के गठन पर निर्णय हो जाएगा। 5-6 मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। सूत्र ने बताया कि इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आए लोगों को भी शामिल करने पर भी विचार हुआ है। भाजपा के मध्य प्रदेश के नेता नरोत्तम मिश्रा ने इस बारे में कहा कि मुख्यमंत्री इस बारे में कुछ कर रहे हैं। उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सिंधिया ने दिखाई सक्रियता
कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन रहने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक काफी सक्रिय हो गए हैं। वह मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले। कहा जाता है कि सिंधिया ने साथ आए पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह और महत्वपूर्ण विभाग दिलाने के लिए भेंट की थी। इस दौरान उन्होंने सितंबर तक राज्य में 24 सीटों पर प्रस्तावित उपचुनाव, उसकी चुनौतियों का भी हवाला दिया। बताते हैं कि सिंधिया की मंशा कुछ दिन बाद ही सही, लेकिन पूर्ण मंत्रिमंडल की है।