Ex Union Minister Sanjay Paswan Said It Is Duty Of Nitish Kumar To Bring Back Students Of Bihar Stucked In Various States Due To Lockdown – समय रहते छात्रों को वापस नहीं लाए नीतीश तो इसका असर चुनाव में दिखेगा : संजय पासवान




न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Wed, 29 Apr 2020 04:07 PM IST

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने कहा है कि अगर बाहरी राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों को समय से वापस नहीं लाया गया तो इसका खामियाजा नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपने घर से दूर फंसे हुए हैं। बिहार के कई छात्र भी राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र के पुणे में फंसे हुए हैं। 

भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि हमारे बच्चों को वापस लाना मुख्यमंत्री की ड्यूटी है। इससे हमारा राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है। उन्हें तीन मई तक सभी बच्चों को बिहार वापस ले आना चाहिए। इस साल चुनाव होने वाले हैं। लगभग सभी मध्यमवर्गीय परिवारों से कम से कम एक बच्चा कोटा में पढ़ाई कर रहा है।

उन्होंने कहा, कोटा में पढ़ रहे बच्चों की संख्या भले ही केवल 1000 हो लेकिन इससे एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं, उन्हें इन बच्चों के साथ संवेदना है। अगर एक लाख परिवारों में हर परिवार में पांच वोटर भी हैं तो पांच लाख वोट प्रभावित होंगे। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि कोटा और पुणे में फंसे हमारे बच्चों को वापस लाएं। 
 

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने कहा है कि अगर बाहरी राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों को समय से वापस नहीं लाया गया तो इसका खामियाजा नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। बता दें कि कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन की वजह से कई लोग अपने घर से दूर फंसे हुए हैं। बिहार के कई छात्र भी राजस्थान के कोटा और महाराष्ट्र के पुणे में फंसे हुए हैं। 

भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने कहा कि हमारे बच्चों को वापस लाना मुख्यमंत्री की ड्यूटी है। इससे हमारा राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है। उन्हें तीन मई तक सभी बच्चों को बिहार वापस ले आना चाहिए। इस साल चुनाव होने वाले हैं। लगभग सभी मध्यमवर्गीय परिवारों से कम से कम एक बच्चा कोटा में पढ़ाई कर रहा है।
उन्होंने कहा, कोटा में पढ़ रहे बच्चों की संख्या भले ही केवल 1000 हो लेकिन इससे एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं, उन्हें इन बच्चों के साथ संवेदना है। अगर एक लाख परिवारों में हर परिवार में पांच वोटर भी हैं तो पांच लाख वोट प्रभावित होंगे। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि कोटा और पुणे में फंसे हमारे बच्चों को वापस लाएं। 

 

 






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