अमर उजाला नेटवर्क, नोएडा
Updated Wed, 03 Jun 2020 11:06 PM IST
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मालूम हो कि डेढ़ महीने के अंदर दिल्ली-एनसीआर में मध्यम से तीव्रता वाले 10 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। ये इस बात का संकेत है कि भविष्य में देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इसकी चेतावनी देश के शीर्ष भूवैज्ञानिकों में से एक ने दी है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आनेे वाली एक संस्था के प्रमुख ने कहा, ‘हम समय, स्थान या सटीक पैमाने का अनुमान नहीं लगा सकते हैं, लेकिन यह मानते हैं कि एनसीआर क्षेत्र में लगातार भूकंपीय गतिविधि चल रही है जो दिल्ली में एक बड़े भूकंप का कारण बन सकती है।’
दुर्भाग्य से, दिल्ली उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों के अंतर्गत आता है और इसके सीमावर्ती शहरों में हाई राइज निजी भवनों का निर्माण किया है, उनमें से बहुत कम ने भूकंप प्रतिरोधी निर्माण के लिए निर्धारित ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के अनिवार्य दिशा निर्देशों का पालन किया है।
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों का कहना है कि टेक्टोनिक प्लेटों के बीच हो रहे घर्षण से जो ऊर्जा निकल रही है, यह उसी का नतीजा है। इसे चेतावनी मानकर भविष्य के लिए एहतियाती कदम उठाने जरूरी हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वैसे तो पांच मैग्नीट्यूड से कम क्षमता के भूकंप को खतरा नहीं माना जाता है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में जिस तरह से कम अंतराल में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं, ऐसे में यह एक बड़ा सवाल है कि कहीं ये किसी बड़े खतरे का संकेत तो नहीं।