शव पहुंचा घर।
– फोटो : अमर उजाला।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुए गाजीपुर के अश्वनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर बुधवार दो दिन में करीब साढ़े 11 बजे उनके पैतृक गांव चकदाउद पहुंच गया। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही गांव वालों की आखें नम हो गईं।
मौसम खराब होने के कारण शहीद अश्वनी कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम दिल्ली से वाराणसी नहीं लाया जा सका था। जम्मू कश्मीर से सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा। तभी आंधी और बारिश की सूचना मिलने पर आगे की यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
बुधवार की सुबह साढ़े 7 बजे चार्टर्ड प्लेन से पार्थिव शरीर वाराणसी लाया गया। यहां से पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के अलावा एयरपोर्ट के अफसरों ने श्रद्धांजलि दी। वहां से सड़क मार्ग द्वारा करीब साढ़े 11 बजे गाजीपुर में पैतृक गांव चकदाउद पहुंच गया।
नोनहरा थाना क्षेत्र के चकदाउद गांव निवासी राम सिंह के बेटे शहीद अश्वनी कुमार का परिवार समेत पूरा क्षेत्र इंतजार कर रहा था। शहीद को याद कर लोगों की आंखें नम हो गई हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद के परिजनों को सांत्वना देने के लिए जिले के आला अधिकारी भी मंगलवार की रात घर पहुंचे हैं।
शहीद के घर पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य, एसपी डॉ ओपी सिंह, विधायक डॉ वीरेंद्र यादव, पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक विजय कुमार, पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार और कई जनप्रितिनिधि पहुंच गए हैं।
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग शहीद के गांव चकदाउद में सुबह ही इकट्ठा हो गए। लॉकडाउन के बावजूद आम जनता के साथ सभी दलों के जनप्रतिनिधि तक मौजूद हैं। शहीद के सम्मान में आसपास के बाजार बंद रहे।
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा के काजियाबाद इलाके में सोमवर को आतंकी हमले में गाजीपुर के सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव शहीद हो गए। वर्ष 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए अश्विनी कुमार अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी उन पर ही थी। घर में अश्वनी की मां लालमुनी, पत्नी अंशु देवी, दो बच्चे दो बच्चे आयशा यादव(6) व आदित्य यादव(4) हैं। इसके अलावा दो छोटे भाई अंजनी यादव व मुलायम यादव हैं।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकी हमले में शहीद हुए गाजीपुर के अश्वनी कुमार यादव का पार्थिव शरीर बुधवार दो दिन में करीब साढ़े 11 बजे उनके पैतृक गांव चकदाउद पहुंच गया। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही गांव वालों की आखें नम हो गईं।
मौसम खराब होने के कारण शहीद अश्वनी कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम दिल्ली से वाराणसी नहीं लाया जा सका था। जम्मू कश्मीर से सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा। तभी आंधी और बारिश की सूचना मिलने पर आगे की यात्रा स्थगित करनी पड़ी।
बुधवार की सुबह साढ़े 7 बजे चार्टर्ड प्लेन से पार्थिव शरीर वाराणसी लाया गया। यहां से पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के अलावा एयरपोर्ट के अफसरों ने श्रद्धांजलि दी। वहां से सड़क मार्ग द्वारा करीब साढ़े 11 बजे गाजीपुर में पैतृक गांव चकदाउद पहुंच गया।
शहीद का शव लेकर सैदपुर पहुंचा वाहन।
– फोटो : अमर उजाला।
नोनहरा थाना क्षेत्र के चकदाउद गांव निवासी राम सिंह के बेटे शहीद अश्वनी कुमार का परिवार समेत पूरा क्षेत्र इंतजार कर रहा था। शहीद को याद कर लोगों की आंखें नम हो गई हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद के परिजनों को सांत्वना देने के लिए जिले के आला अधिकारी भी मंगलवार की रात घर पहुंचे हैं।
शहीद के घर पर जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य, एसपी डॉ ओपी सिंह, विधायक डॉ वीरेंद्र यादव, पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक विजय कुमार, पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, ब्लॉक प्रमुख आलोक कुमार और कई जनप्रितिनिधि पहुंच गए हैं।
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग शहीद के गांव चकदाउद में सुबह ही इकट्ठा हो गए। लॉकडाउन के बावजूद आम जनता के साथ सभी दलों के जनप्रतिनिधि तक मौजूद हैं। शहीद के सम्मान में आसपास के बाजार बंद रहे।
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा के काजियाबाद इलाके में सोमवर को आतंकी हमले में गाजीपुर के सीआरपीएफ जवान अश्वनी कुमार यादव शहीद हो गए। वर्ष 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए अश्विनी कुमार अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। पिता के निधन के बाद घर की जिम्मेदारी उन पर ही थी। घर में अश्वनी की मां लालमुनी, पत्नी अंशु देवी, दो बच्चे दो बच्चे आयशा यादव(6) व आदित्य यादव(4) हैं। इसके अलावा दो छोटे भाई अंजनी यादव व मुलायम यादव हैं।
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