न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 27 May 2020 11:49 AM IST
राहुल गांधी और डॉक्टर झा की बातचीत
– फोटो : एएनआई
देश में लॉकडाउन लागू किए जाने के काफी पहले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना को लेकर सरकार को आगाह करते आ रहे थे। लॉकडाउन के दौरान पैदल ही अपने घरों की ओर लौट रहे मजदूरों का भी हाल-चाल जानते वह देखे गए। सोशल मीडिया के माध्यम से भी वह लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे हैं और विशेषज्ञों से भी बात कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने आज दुनिया के दो स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बातचीत की।
राहुल गांधी ने पूरी बातचीत अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड की है। लगभग आधे घंटे के इस वीडियो में राहुल ने शुरुआती 20 मिनट से ज्यादा की बातचीत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा से की। इसके बाद उन्होंंने स्वीडन के प्रोफेसर जोहान से बात की। इसी चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झा से मजाकिया अंदाज पूछा – भैया, वैक्सीन कब आएगी?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा ने राहुल गांधी से कहा
- लॉकडाउन के बाद अब जब अर्थव्यवस्था खुल गई है, आपको भरोसा पैदा करना होगा।
- कोविड-19 ’12 से 18 महीने की समस्या है, इससे 2021 से पहले छुटकारा नहीं मिलने वाला।
- अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में बहुत तेजी से जांच करने की रणनीति की आवश्यकता है।
- हम बड़ी वैश्विक महामारियों के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, हम जो देख रहे हैं, वह आखिरी नहीं है।
राहुल गांधी ने डॉक्टर आशीष झा से लॉकडाउन पर उनके विचार पूछे और यह भी पूछा कि क्या इससे इससे मनोविज्ञान पर फर्क पड़ता है, ये लोगों के लिए कितना मुश्किल है? इसके जवाब में आशीष झा ने कहा-
राहुल गांधी ने डॉक्टर झा से मजदूरों को लेकर भी बात की, उन्होंने सवाल किया कि वायरस की वजह से मजदूरों को पता नहीं कब दोबारा काम मिलेगा? जवाब में झा कहते हैं
फिर राहुल ने टेस्टिंग को लेकर सवाल किया, पूछा कि किस रणनीति पर काम करना चाहिए? जवाब में प्रोफेसर झा ने कहा-
राहुल गांधी ने ये भी पूछा कि क्या गर्मी से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, इस तरह के कई तर्क दिए गए, आप क्या कहेंगे? प्रोफेसर झा ने कहा-
19 मिनट 55 सेकेंड के आसपास राहुल मुस्कुराते हुए पूछ बैठते हैं कि, भैया बताइए वैक्सीन कब आएगी? प्रोफेसर झा ने जवाब दिया-
सार
- कोरोना काल पर राहुल गांधी की दो स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बातचीत
- कांग्रेस नेता ने अपने यू ट्यूब चैनल पर अपलोड किया वीडियो
- विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन पर रखे अपने विचार
- ‘लॉकडाउन से वायरस रुकता नहीं, बस तैयारी का मौका देता है’
- ‘कोरोना एक-दो माह में नहीं जाएगा, 2021 तक रहने वाला है’
विस्तार
देश में लॉकडाउन लागू किए जाने के काफी पहले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना को लेकर सरकार को आगाह करते आ रहे थे। लॉकडाउन के दौरान पैदल ही अपने घरों की ओर लौट रहे मजदूरों का भी हाल-चाल जानते वह देखे गए। सोशल मीडिया के माध्यम से भी वह लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे हैं और विशेषज्ञों से भी बात कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने आज दुनिया के दो स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बातचीत की।
राहुल गांधी ने पूरी बातचीत अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड की है। लगभग आधे घंटे के इस वीडियो में राहुल ने शुरुआती 20 मिनट से ज्यादा की बातचीत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष झा से की। इसके बाद उन्होंंने स्वीडन के प्रोफेसर जोहान से बात की। इसी चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झा से मजाकिया अंदाज पूछा – भैया, वैक्सीन कब आएगी?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष झा ने राहुल गांधी से कहा
- लॉकडाउन के बाद अब जब अर्थव्यवस्था खुल गई है, आपको भरोसा पैदा करना होगा।
- कोविड-19 ’12 से 18 महीने की समस्या है, इससे 2021 से पहले छुटकारा नहीं मिलने वाला।
- अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में बहुत तेजी से जांच करने की रणनीति की आवश्यकता है।
- हम बड़ी वैश्विक महामारियों के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, हम जो देख रहे हैं, वह आखिरी नहीं है।
राहुल गांधी के सवाल, विशेषज्ञों के जवाब
राहुल गांधी ने डॉक्टर आशीष झा से लॉकडाउन पर उनके विचार पूछे और यह भी पूछा कि क्या इससे इससे मनोविज्ञान पर फर्क पड़ता है, ये लोगों के लिए कितना मुश्किल है? इसके जवाब में आशीष झा ने कहा-
लॉकडाउन से आप वायरस को धीमा कर सकते हैं। सिर्फ पीड़ित को समाज से अलग कर सकते हैं, उसके लिए टेस्टिंग जरूरी है। यह आपकी क्षमता को बढ़ाने का वक्त देता है। अगर लॉकडाउन का इस्तेमाल क्षमता बढ़ाने के लिए नहीं किया गया तो इससे काफी नुकसान हो सकता है।
राहुल गांधी ने डॉक्टर झा से मजदूरों को लेकर भी बात की, उन्होंने सवाल किया कि वायरस की वजह से मजदूरों को पता नहीं कब दोबारा काम मिलेगा? जवाब में झा कहते हैं
कोरोना वायरस एक-दो महीने में नहीं जाएगा, ये 2021 तक रहने वाला है। कितना नुकसान होने वाला है ये किसी को पता नहीं, लेकिन रोज कमाने-रोज खाने वाले मजदूरों तक मदद पहुंचने की जरूरत है।
फिर राहुल ने टेस्टिंग को लेकर सवाल किया, पूछा कि किस रणनीति पर काम करना चाहिए? जवाब में प्रोफेसर झा ने कहा-
दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे देशों ने टेस्टिंग को लेकर अच्छा काम किया है। टेस्टिंग अधिक होनी ही चाहिए। तभी यह पता चल सकता है कि किस क्षेत्र में वायरस का ज्यादा प्रभाव है। सिर्फ इसी तरीके से आप संक्रमितों की पहचान कर पाएंगे। अस्पताल आने वाले हर शख्स की टेस्टिंग होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी कारण से वहां पहुंचा हो। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों की टेस्टिंग में भी आक्रामकता जरूरी है।
राहुल गांधी ने ये भी पूछा कि क्या गर्मी से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, इस तरह के कई तर्क दिए गए, आप क्या कहेंगे? प्रोफेसर झा ने कहा-
गर्मी से ये रुक जाएगा, ऐसा तर्क देना पूरी तरह सही नहीं है। कोरोना को लेकर कई तरह के सबूत हैं कि मौसम फर्क डालता है, अगर लोग बाहर अधिक रहते हैं तो कोरोना अधिक फैलता है।
19 मिनट 55 सेकेंड के आसपास राहुल मुस्कुराते हुए पूछ बैठते हैं कि, भैया बताइए वैक्सीन कब आएगी? प्रोफेसर झा ने जवाब दिया-
अमेरिकन, चाइनीज और ऑक्सफोर्ड की एक वैक्सीन हैृ, तीनों कारगर लग रही है। पता नहीं कौन सी काम आएगी, हो सकता है तीनों काम आ जाए, लेकिन पूरी तरह से उम्मीद है कि अगले साल तक वैक्सीन आ पाएगी। भारत को इसके लिए प्लान बनाना पड़ेगा, क्योंकि भारत को 50 करोड़ से अधिक वैक्सीन बनानी है।
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