न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पीटीआई
Updated Mon, 04 May 2020 12:20 AM IST
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गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा कि पुलिस प्रमुख उन कर्मियों के लिए और जहां भी संभव है, ‘घर से काम करने’ के विकल्प पर विचार कर सकते हैं जो अग्रिम मोर्चे पर तैनात नहीं हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा, ‘कोविड-19 की चुनौती से निपटने और कोविड-19 को नियंत्रित करने की रणनीति जारी रखना सुनिश्चित करने के वास्ते पुलिस बलों को उन पुलिस कर्मियों के लिए एक प्रभावी दूसरी रक्षा पंक्ति तैयार करने की जरूरत है जो महामारी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं।’
अभी तक 200 से अधिक केंद्रीय अर्धसैनिक बल कर्मी कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं पिछले सप्ताह सीआरपीएफ के एक 55 कर्मी की मृत्यु हो गई थी। साथ ही विभिन्न राज्य पुलिस बल के कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की इस वायरस से मौत हो गई है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को जरुरत उत्पन्न होने पर अपने कर्मियों के लिए स्वयं पृथक रहने के नियमों को कड़ाई से लागू करना चाहिए।
गृह मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है जिसने दुनिया भर में एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया है। जो वायरस इस बीमारी का कारण बनता है वह अत्यधिक संक्रामक है और यहां तक कि ऐसे व्यक्ति भी अन्य को संक्रमित कर सकते हैं जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और सुरक्षाकर्मी कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे हैं, जो बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन और सरकारी दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। चूंकि उन्हें दैनिक आधार पर जनता के साथ सम्पर्क में आना होता है, इसलिए उनके कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने का खतरा होता है।