चंडीगढ़ के लिए गुरुवार सुबह एक राहत भरी खबर आई। पीजीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 18 डॉक्टर समेत 54 स्टाफकर्मियों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव है। वहीं बुधवार को कोरोना संक्रमित मिली छह महीने की बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है। वह इस समय आईसीयू में है और वेंटिलेटर पर है।
पूरा अस्पताल बच्ची के ठीक होने की दुआएं मांग रहा है। इस बच्ची के दिल में छेद था और यह सर्जरी के लिए पीजीआई आई थी। इसकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी और वह स्वस्थ थी, लेकिन कोरोना ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। बुधवार को उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
दरअसल, बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव आने तक उसका इलाज एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में चल रहा था। इस वजह से अनजाने में उस बच्ची के संपर्क में दर्जनों लोग आ गए हैं। इसलिए आनन-फानन में पीजीआई के 18 डॉक्टरों समेत पीजीआई के 54 स्टाफ को तत्काल होम क्वारंटीन कर दिया गया था, लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
पीजीआई प्रवक्ता के अनुसार, बच्ची के संपर्क में पीडियाट्रिक, रेडियोलॉजी और कार्डियोलॉजी के 18 डॉक्टर, 15 नर्सिंग ऑफिसर, 13 हॉस्पिटल और सेनिटेशन अटेंडेंट, 2 फिजियोथेरिपिस्ट, 6 एक्सरे टेक्नीशियन और रेडियोलॉजी नर्सिंग ऑफिसर आए थे।
फगवाड़ा(पंजाब) निवासी बच्ची के दिल में छेद था। परिजनों ने गत 9 अप्रैल को उसे पीजीआई में भर्ती कराया। यहां उसकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई। सर्जरी के बाद बच्ची स्वस्थ थी और तेजी से रिकवर कर रही थी। लेकिन पिछले दो दिन से उसे इंफेक्शन हो रहा था। मंगलवार दोपहर डॉक्टरों ने उसका कोरोना टेस्ट कराया। बुधवार सुबह मिली रिपोर्ट में बच्ची कोरोना पॉजिटिव निकली। फिलहाल बच्ची को कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
पीजीआई इंप्लाइज यूनियन नॉन फैकेल्टी ने बार-बार चेताया था
पीजीआई इंप्लाइज यूनियन नॉन फैकेल्टी पीजीआई के स्टाफ की सुरक्षा को लेकर लगातार आवाज उठा रही है। साथ ही पीजीआई प्रबंधन और प्रशासनिक अफसरों से स्टाफ की सुरक्षा की गुहार लगा रही है। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि बार-बार आगाह करने के बावजूद अनदेखी की जा रही है। इसके चलते पीजीआई स्टाफ की जान खतरे में है।
यूनियन के मुताबिक, कोरोना वायरस से बचाव संबंधी आवश्यक सामग्री समय रहते नहीं खरीदी गई। अनट्रेंड स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया गया है। समय रहते कोरोना से जुड़े अलग-अलग वार्ड नहीं बनाए गए। ट्रायल रूम भी अलग नहीं बनाए गए। बिना पीपीई किट के स्टाफ को ड्यूटी पर भेजा जा रहा है। कोरोना को लेकर 4 अलग-अलग गाइडलाइन बनाई गई है।
ऐसे में पीजीआई प्रबंधन डॉक्टरों, मरीजों व कर्मचारियों की जान जानबूझकर जोखिम में डाल रहा है।