न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 22 Apr 2020 03:40 PM IST
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केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए सख्त प्रावधान का भी एलान किया है। सरकार इसे लेकर अध्यादेश भी लाई है। अध्यादेश में हिंसा के दोषी के लिए छह महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
Central Government has brought an ordinance to end violence against health workers, carries imprisonment from 6 months to 7 years if anyone found guilty. pic.twitter.com/3wonlBuyHT
— ANI (@ANI) April 22, 2020
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्यकर्मी दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
Amendment to be made to Epidemic Diseases Act, 1897 and Ordinance will be implemented. Such crime will now be cognizable & non-bailable. Investigation will be done within 30 days. Accused can be sentenced from 3 months-5 yrs & penalised from Rs 50,000 upto Rs 2 Lakh: P Javadekar https://t.co/x3B5vjYZ8s
— ANI (@ANI) April 22, 2020
जावड़ेकर ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा। ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। 30 दिनों के अंदर जांच की जाएगी। आरोपी को तीन महीने से पांच साल तक की सजा हो सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के मामले में आरोपी को छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ में दोषी पर एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
In case of grievous injuries, the accused can be sentenced from 6 months to 7 years. They can be penalised from Rs 1 Lakhs to Rs 5 Lakhs: Union Minister Prakash Javadekar pic.twitter.com/VEXjQVz2x8
— ANI (@ANI) April 22, 2020