महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 2091 नए मामले सामने आए हैं। वहीं राज्य में 97 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 54,758 हो गई है और मृतकों की संख्या 1792 तक पहुंच गई है।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि बीते 24 घंटे के दौरान मुंबई में 1002 नए मरीज सामने आए हैं।
वहीं, 39 लोगों की मौत हुई है। कोरोना की हॉटस्पॉट बनी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में 38, माहिम में 24 और दादर में 6 नए कोरोना संक्रमित मिले। इस तरह मुंबई मे अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 32, 994 हो गई है। जिसमें से 1065 की मौत हुई है। वहीं, राज्य में अभी तक 16, 954 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से अपने घर गए हैं।
रेलवे ने कहा- महाराष्ट्र के लिए 145 श्रमिक ट्रेनें प्रस्तावित, अब तक सिर्फ 13 चल पाईं
मुंबई। प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेनों की उपलब्धता को लेकर राज्य सरकार और रेलवे के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि मंगलवार को महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए 145 श्रमिक ट्रेनों की व्यवस्था है। इनमें से 50 ट्रेनें दोपहर 3 बजे तक रवाना हो जानी थीं लेकिन सिर्फ 13 ट्रेनें ही रवाना की जा सकीं।
दरअसल, मुंबई से लोग गांव जाने के लिए परेशान हैं लेकिन राज्य सरकार सूची तैयार नहीं कर पा रही है। वहीं, पीयूष गोयल के ट्वीट के बाद शाम को लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर श्रमिकों का हुजूम देखा गया। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लिए 68, पश्चिम बंगाल के लिए 41, बिहार के लिए 27, ओडिशा-तमिलनाडु के लिए दो-दो, जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन रवाना होनी है। योजना के मुताबिक दोपहर 12 बजे तक 18 ट्रेनों को रवाना हो जाना था।
लेकिन यात्रियों के अभाव में पहली श्रमिक ट्रेन दोपहर साढे़ 12 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से रवाना हुई। दूसरी ओर, मध्य रेलवे ने सोमवार को भी राज्य के सामने 125 श्रमिक ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव दिया था। रात 2 बजे तक राज्य सरकार ने सिर्फ 41 ट्रेनें चलाने की मांग की लेकिन इनमें से भी दो ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, क्योंकि स्थानीय अधिकारी ट्रेनों के लिए यात्री नहीं ला पाए।
देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से सबसे ज्यादा पीड़ित महाराष्ट्र में इस संकट के बीच सियासी हलचल तेच हो गई है। भाजपा सांसद के बाद सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में शामिल एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार के भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन की अटकलें बढ़ गई हैं। एमवीए के नेताओं ने राज्य में सियासी संकट का माहौल बनाने का आरोप भाजपा पर लगाया है, लेकिन मंगलवार को विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उन्हें सरकार बनाने की कोई जल्दबाजी नहीं है। महाराष्ट्र सरकार खुद ही अंतर्कलह से गिर जाएगी।
दरअसल भाजपा के राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर राष्ट्रपति शासन की मांग की थी। उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर कोरोना महामारी को काबू कर पाने में विफल रहने का आरोप लगाया था। पवार राज्यपाल से मिलने के बाद सोमवार की रात एक बजे मातोश्री भी गए थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ डेढ़ घंटे तक बातचीत की। इसके बाद ही राजनीतिक चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन पवार ने कहा कि ठाकरे सरकार को कोई खतरा नहीं है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस तीनों दल एकजुट हैं। शिवसेन सांसद संजय राउत ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य की एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं है।
यह सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और चुनाव भी साथ लड़ेगी। अगर कोई राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात करता है तो उसके लिए गुजरात सबसे फिट है। क्योंकि गुजरात में कोरोना से हालात ज्यादा खराब हैं। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा पर अफवाहें फैलाकर राष्ट्रपति शासन के लिए माहौल बनाने का आरोप लगाया। एनसीपी के वरिष्ठ नेता मलिक ने कहा, राज्य सरकार कोरोना से लड़ाई के दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का मजबूती से पालन कर रही है।
इसके बाद भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने मोर्चा संभाला। फडणवीस ने कहा कि यह संकट काल है। हमारी कोशिश कोरोना को भगाने और सरकार को जगाने की है। महाराष्ट्र में कोरोना से 40 फ़ीसदी से ज़्यादा मौतें हुई है। उन्होंने कहा, कोरोना की स्थिति बेकाबू होते देखकर ही भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के बाद नारायण राणे ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है, लेकिन हमारा फोकस कोरोना पर ही है।
इन्होंने कहा….
10 हजार की क्षमता पर टेस्ट हो रहे 3500 : फडणवीस
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मुंबई में हर दिन 10 हज़ार टेस्टिंग की क्षमता है, लेकिन राज्य सरकार औसतन 3500 टेस्ट ही करा पा रही है। लोगों को अस्पताल, एंबुलेंस, बेड नहीं मिल रहे हैं। लाशें रखने की जगह नहीं है। सरकार हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। 100 में से 32 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। विधानसभा में नेता विपक्ष फडणवीस ने कहा, केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को पीपीई किट, मास्क, कृषि उपज खरीदी, जनधन योजना, श्रमिक स्पेशल ट्रेन, अनाज वितरण आदि विभिन्न मद में 28 हजार 104 करोड़ रुपए दिए हैं। फिर भी केंद्र सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है।
भाजपा नेता सरकार को अस्थिर करने की कर रहे कोशिश : कांग्रेस
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है। इसलिए सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के संबंध में दिल्ली और मुंबई में कोई चर्चा नहीं है। यह बातें केवल मीडिया में दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, राज्य में भाजपा के नेता सत्ता के लालची हैं। भाजपा नेता सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। वे वर्तमान हालात में सरकार की मदद की नहीं सोच सकते।
सार
- सत्ताधारी गठबंधन ने राष्ट्रपति शासन की मांग पर भाजपा को घेरा, भाजपा ने कहा कि वह इसके पक्ष में नहीं है
- पूर्व सीएम फडणवीस बोले- अंतर्कलह से खुद ही गिर जाएगी ठाकरे सरकार, पवार बोले- सरकार को खतरा नहीं
विस्तार
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 2091 नए मामले सामने आए हैं। वहीं राज्य में 97 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इससे राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 54,758 हो गई है और मृतकों की संख्या 1792 तक पहुंच गई है।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि बीते 24 घंटे के दौरान मुंबई में 1002 नए मरीज सामने आए हैं।
वहीं, 39 लोगों की मौत हुई है। कोरोना की हॉटस्पॉट बनी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी में 38, माहिम में 24 और दादर में 6 नए कोरोना संक्रमित मिले। इस तरह मुंबई मे अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 32, 994 हो गई है। जिसमें से 1065 की मौत हुई है। वहीं, राज्य में अभी तक 16, 954 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से अपने घर गए हैं।
रेलवे ने कहा- महाराष्ट्र के लिए 145 श्रमिक ट्रेनें प्रस्तावित, अब तक सिर्फ 13 चल पाईं
मुंबई। प्रवासी श्रमिकों के लिए ट्रेनों की उपलब्धता को लेकर राज्य सरकार और रेलवे के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा हैं। रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि मंगलवार को महाराष्ट्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए 145 श्रमिक ट्रेनों की व्यवस्था है। इनमें से 50 ट्रेनें दोपहर 3 बजे तक रवाना हो जानी थीं लेकिन सिर्फ 13 ट्रेनें ही रवाना की जा सकीं।
दरअसल, मुंबई से लोग गांव जाने के लिए परेशान हैं लेकिन राज्य सरकार सूची तैयार नहीं कर पा रही है। वहीं, पीयूष गोयल के ट्वीट के बाद शाम को लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर श्रमिकों का हुजूम देखा गया। मध्य रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लिए 68, पश्चिम बंगाल के लिए 41, बिहार के लिए 27, ओडिशा-तमिलनाडु के लिए दो-दो, जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन रवाना होनी है। योजना के मुताबिक दोपहर 12 बजे तक 18 ट्रेनों को रवाना हो जाना था।
लेकिन यात्रियों के अभाव में पहली श्रमिक ट्रेन दोपहर साढे़ 12 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से रवाना हुई। दूसरी ओर, मध्य रेलवे ने सोमवार को भी राज्य के सामने 125 श्रमिक ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव दिया था। रात 2 बजे तक राज्य सरकार ने सिर्फ 41 ट्रेनें चलाने की मांग की लेकिन इनमें से भी दो ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, क्योंकि स्थानीय अधिकारी ट्रेनों के लिए यात्री नहीं ला पाए।
महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच सियासी हलचल तेज
देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप से सबसे ज्यादा पीड़ित महाराष्ट्र में इस संकट के बीच सियासी हलचल तेच हो गई है। भाजपा सांसद के बाद सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में शामिल एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार के भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन की अटकलें बढ़ गई हैं। एमवीए के नेताओं ने राज्य में सियासी संकट का माहौल बनाने का आरोप भाजपा पर लगाया है, लेकिन मंगलवार को विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उन्हें सरकार बनाने की कोई जल्दबाजी नहीं है। महाराष्ट्र सरकार खुद ही अंतर्कलह से गिर जाएगी।
दरअसल भाजपा के राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर राष्ट्रपति शासन की मांग की थी। उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार पर कोरोना महामारी को काबू कर पाने में विफल रहने का आरोप लगाया था। पवार राज्यपाल से मिलने के बाद सोमवार की रात एक बजे मातोश्री भी गए थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ डेढ़ घंटे तक बातचीत की। इसके बाद ही राजनीतिक चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन पवार ने कहा कि ठाकरे सरकार को कोई खतरा नहीं है। शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस तीनों दल एकजुट हैं। शिवसेन सांसद संजय राउत ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य की एमवीए सरकार को कोई खतरा नहीं है।
यह सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और चुनाव भी साथ लड़ेगी। अगर कोई राष्ट्रपति शासन लागू करने की बात करता है तो उसके लिए गुजरात सबसे फिट है। क्योंकि गुजरात में कोरोना से हालात ज्यादा खराब हैं। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने भाजपा पर अफवाहें फैलाकर राष्ट्रपति शासन के लिए माहौल बनाने का आरोप लगाया। एनसीपी के वरिष्ठ नेता मलिक ने कहा, राज्य सरकार कोरोना से लड़ाई के दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का मजबूती से पालन कर रही है।
इसके बाद भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने मोर्चा संभाला। फडणवीस ने कहा कि यह संकट काल है। हमारी कोशिश कोरोना को भगाने और सरकार को जगाने की है। महाराष्ट्र में कोरोना से 40 फ़ीसदी से ज़्यादा मौतें हुई है। उन्होंने कहा, कोरोना की स्थिति बेकाबू होते देखकर ही भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के बाद नारायण राणे ने राष्ट्रपति शासन की मांग की है, लेकिन हमारा फोकस कोरोना पर ही है।
इन्होंने कहा….
10 हजार की क्षमता पर टेस्ट हो रहे 3500 : फडणवीस
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मुंबई में हर दिन 10 हज़ार टेस्टिंग की क्षमता है, लेकिन राज्य सरकार औसतन 3500 टेस्ट ही करा पा रही है। लोगों को अस्पताल, एंबुलेंस, बेड नहीं मिल रहे हैं। लाशें रखने की जगह नहीं है। सरकार हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। 100 में से 32 लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। विधानसभा में नेता विपक्ष फडणवीस ने कहा, केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को पीपीई किट, मास्क, कृषि उपज खरीदी, जनधन योजना, श्रमिक स्पेशल ट्रेन, अनाज वितरण आदि विभिन्न मद में 28 हजार 104 करोड़ रुपए दिए हैं। फिर भी केंद्र सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार किया जा रहा है।
भाजपा नेता सरकार को अस्थिर करने की कर रहे कोशिश : कांग्रेस
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है। इसलिए सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के संबंध में दिल्ली और मुंबई में कोई चर्चा नहीं है। यह बातें केवल मीडिया में दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा, राज्य में भाजपा के नेता सत्ता के लालची हैं। भाजपा नेता सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। वे वर्तमान हालात में सरकार की मदद की नहीं सोच सकते।