न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Wed, 29 Apr 2020 04:48 PM IST
पार्थ चटर्जी (फाइल फोटो)
– फोटो : एएनआई
चटर्जी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि राज्य सरकार ने मंत्रालय से कहा था कि छात्रों के मिड-डे मील के लिए मासिक अनुदान को बढ़ाया जाए। प्राइमरी छात्रों के लिए इसे चार से बढ़ाकर 10 रुपये करने की मांग की गई थी और सेकेंडरी छात्रों के लिए इसे पांच से 12 रुपये करने की मांग की गई थी।
शिक्षा मंत्री ने कहा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मांग की तुलना में इस राशि में बेहद मामूली बढ़ोत्तरी की है। मंत्रालय ने प्राइमरी छात्रों के लिए अनुदार चार रुपये से बढ़ाकर 4.79 रुपये कर दिया है और सेकेंडरी छात्रों के लिए पांच रुपये से बढ़ाकर 7.75 रुपये कर दिया है।’
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा मिड-डे मील के बावर्ची और सहायकों के लिए अनुदान को दो हजार रुपये करने की मांग की थी, जो अभी एक हजार रुपये है। केंद्र सरकार ने इस मांग को मानने से साफ मना कर दिया है और इसमें बढ़ोत्तरी करने से इनकार कर दिया है।
चटर्जी ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए कक्षा एक से आठ तक ‘नो डिटेंशन’ नीति को लागू करने के राज्य के फैसले से मंत्रालय को मंगलवार को हुई एक बैठक के दौरान अवगत करा दिया गया था।
इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लॉकडाउन हटने के बाद और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं के दो बाकी पेपर को लेकर उन्हें आयोजित करने का आह्वान करेंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तालाबंदी हटने के बाद दो पेपरों के लिए लंबित उच्चतर माध्यमिक परीक्षा आयोजित करने का आह्वान करेंगी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगी।
सार
पश्चिम बंगाल सरकार में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्राइमरी और सेकेंडरी कक्षा के छात्रों के लिए मिड-डे मील में दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी करने का अनुरोध किए जाने के बाद केंद्र की ओर से इसमें बहुत मामली इजाफा किया है।
विस्तार
चटर्जी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कहा कि राज्य सरकार ने मंत्रालय से कहा था कि छात्रों के मिड-डे मील के लिए मासिक अनुदान को बढ़ाया जाए। प्राइमरी छात्रों के लिए इसे चार से बढ़ाकर 10 रुपये करने की मांग की गई थी और सेकेंडरी छात्रों के लिए इसे पांच से 12 रुपये करने की मांग की गई थी।
शिक्षा मंत्री ने कहा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मांग की तुलना में इस राशि में बेहद मामूली बढ़ोत्तरी की है। मंत्रालय ने प्राइमरी छात्रों के लिए अनुदार चार रुपये से बढ़ाकर 4.79 रुपये कर दिया है और सेकेंडरी छात्रों के लिए पांच रुपये से बढ़ाकर 7.75 रुपये कर दिया है।’
उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा मिड-डे मील के बावर्ची और सहायकों के लिए अनुदान को दो हजार रुपये करने की मांग की थी, जो अभी एक हजार रुपये है। केंद्र सरकार ने इस मांग को मानने से साफ मना कर दिया है और इसमें बढ़ोत्तरी करने से इनकार कर दिया है।
चटर्जी ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए कक्षा एक से आठ तक ‘नो डिटेंशन’ नीति को लागू करने के राज्य के फैसले से मंत्रालय को मंगलवार को हुई एक बैठक के दौरान अवगत करा दिया गया था।
इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लॉकडाउन हटने के बाद और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा करने के बाद उच्चतर माध्यमिक परीक्षाओं के दो बाकी पेपर को लेकर उन्हें आयोजित करने का आह्वान करेंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तालाबंदी हटने के बाद दो पेपरों के लिए लंबित उच्चतर माध्यमिक परीक्षा आयोजित करने का आह्वान करेंगी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगी।
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