अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Sun, 10 May 2020 03:10 PM IST
लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल
– फोटो : सोशल मीडिया
कोरोना से जुड़ी मरीजों की मौत को लेकर सुर्खियों में आए लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पद से हटा दिया है। रविवार को केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद डॉ. जेसी पासी को सुश्रुत ट्रॉमा अस्पताल भेज दिया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने 62 वर्ष से अधिक आयु होने के चलते चिकित्सा अधीक्षक को पद से हटाया है। चूंकि, प्रशासनिक पद पर 62 वर्ष से अधिक आयु का अधिकारी जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता। हालांकि, ऐसी स्थिति में सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि आयु अधिक होने के बाद भी कुछ ही समय पहले इन्हें चिकित्सा अधीक्षक पद पर सरकार ने तैनात कैसे कर दिया? बहरहाल, इसे लेकर डॉ. जेसी पासी से संपर्क करने के बाद भी जवाब नहीं मिला। लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार के अधीन है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी केंद्र से जुड़े इन निर्देशों पर स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
पिछले कुछ दिन से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज और मौतों के आंकड़ों को लेकर तमाम तरह के सियासी आरोप भी सरकार पर लग रहे हैं। रविवार को इसके लपेटे में दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पताल आ गए जब मुख्य सचिव ने पत्र लिख यहां से समय पर जानकारी नहीं मिलने की शिकायतों का हवाला दिया। ‘अमर उजाला’ ने 10 मई को ही लोकनायक अस्पताल और दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अंतर का खुलासा अपनी पड़ताल में भी किया था।
केंद्र सरकार के निर्देश को लेकर अस्पतालों के कर्मचारियों में भी चर्चाएं तेज हैं। कुछ लोग केंद्र के आदेश को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर। हालांकि, इनमें से कुछ वरिष्ठ डॉक्टर ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि लंबे समय से शिकायतों का दौर चल रहा था।
चल रही थीं शिकायतें
अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि डीओपीटी से निर्देश मिलने के बाद ऐसा हुआ है। पिछले कुछ समय से लगातार लोकनायक अस्पताल से डॉक्टरों की शिकायतें एक-दूसरे के खिलाफ मिल रही थीं। इन्हीं में से एक मामला न्यायालय तक भी पहुंचा था। कोर्ट ने प्रबंधन के आदेश को रद्द करते हुए संबंधित डॉक्टर को दूसरी जगह तैनात करने के निर्देश दिए थे।
कोरोना से जुड़ी मरीजों की मौत को लेकर सुर्खियों में आए लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पद से हटा दिया है। रविवार को केंद्र सरकार से निर्देश मिलने के बाद डॉ. जेसी पासी को सुश्रुत ट्रॉमा अस्पताल भेज दिया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने 62 वर्ष से अधिक आयु होने के चलते चिकित्सा अधीक्षक को पद से हटाया है। चूंकि, प्रशासनिक पद पर 62 वर्ष से अधिक आयु का अधिकारी जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता। हालांकि, ऐसी स्थिति में सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि आयु अधिक होने के बाद भी कुछ ही समय पहले इन्हें चिकित्सा अधीक्षक पद पर सरकार ने तैनात कैसे कर दिया? बहरहाल, इसे लेकर डॉ. जेसी पासी से संपर्क करने के बाद भी जवाब नहीं मिला। लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार के अधीन है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी केंद्र से जुड़े इन निर्देशों पर स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
पिछले कुछ दिन से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज और मौतों के आंकड़ों को लेकर तमाम तरह के सियासी आरोप भी सरकार पर लग रहे हैं। रविवार को इसके लपेटे में दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पताल आ गए जब मुख्य सचिव ने पत्र लिख यहां से समय पर जानकारी नहीं मिलने की शिकायतों का हवाला दिया। ‘अमर उजाला’ ने 10 मई को ही लोकनायक अस्पताल और दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अंतर का खुलासा अपनी पड़ताल में भी किया था।
केंद्र सरकार के निर्देश को लेकर अस्पतालों के कर्मचारियों में भी चर्चाएं तेज हैं। कुछ लोग केंद्र के आदेश को कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर। हालांकि, इनमें से कुछ वरिष्ठ डॉक्टर ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि लंबे समय से शिकायतों का दौर चल रहा था।
चल रही थीं शिकायतें
अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर का कहना है कि डीओपीटी से निर्देश मिलने के बाद ऐसा हुआ है। पिछले कुछ समय से लगातार लोकनायक अस्पताल से डॉक्टरों की शिकायतें एक-दूसरे के खिलाफ मिल रही थीं। इन्हीं में से एक मामला न्यायालय तक भी पहुंचा था। कोर्ट ने प्रबंधन के आदेश को रद्द करते हुए संबंधित डॉक्टर को दूसरी जगह तैनात करने के निर्देश दिए थे।
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