Bihar : A Court In Nalanda Relieved A Teenager Who Stole For Food For His Mother And Provided Ration And Clothes – लॉकडाउन: मां की भूख मिटाने के लिए की चोरी, अदालत ने किशोर को छोड़ा, राशन-कपड़े भी दिए




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पुलिस ने किशोर को चोरी के आरोप में किशोर न्याय बोर्ड के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के समक्ष पेश किया था, वहां बच्चे से बात करने पर उन्हें पता चला कि उसके घर में मानसिक रूप से कमजोर विधवा मां और छोटा भाई है जिन्हें लॉकडाउन के कारण कई दिन से भोजन नहीं मिला है, इसलिए उसने चोरी की।

मिश्रा ने जब बच्चे से सुना कि उसने अपनी मां और भाई को भूख से बचाने के लिए चोरी कि तो वह भावुक हो गए और उसे चोरी के आरोप से मुक्त करते हुए प्रशासन को कहा कि वह तुरंत उसे राशन और कपड़े उपलब्ध कराए।

दंडाधिकारी मिश्रा ने 17 अप्रैल को अधिकारियों को लड़के की मजबूरी को समझते हुए उसे आरोप मुक्त करते हुए उसके परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत आवास, राशन आदि की हर संभव सहायता और सहायता प्रदान करने तथा पुलिस को चार महीने बाद किशोर की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।

नाबालिग अपनी मां और भाई के साथ नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत खटोलना बिगहा गांव में एक छोटे से फूस के घर (कच्ची झोपड़ी) में रहता है। इस्लामपुर पुलिस के सूत्रों ने नाबालिग को स्थानीय बाजार में एक महिला का पर्स छीन लेने की घटना में सीसीटीवी की मदद से पकड़ा था। 

अदालत के निर्देश के बाद इस्लामपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियदर्शी राजेश किशोर के गांव पहुंचे और उसे सभी सरकारी योजनाओं के साथ परिवार को सक्षम करने के लिए दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के अलावा भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान की।

सार

बिहार के नालंदा जिले की एक अदालत ने चोरी के मामले में गिरफ्तार 16 वर्षीय किशोर से वजह जानने के बाद न सिर्फ उसे आरोपमुक्त किया बल्कि पुलिस को निर्देश दिया कि वह किशोर को राशन और कपड़े भी उपलब्ध कराए।

विस्तार

पुलिस ने किशोर को चोरी के आरोप में किशोर न्याय बोर्ड के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के समक्ष पेश किया था, वहां बच्चे से बात करने पर उन्हें पता चला कि उसके घर में मानसिक रूप से कमजोर विधवा मां और छोटा भाई है जिन्हें लॉकडाउन के कारण कई दिन से भोजन नहीं मिला है, इसलिए उसने चोरी की।

मिश्रा ने जब बच्चे से सुना कि उसने अपनी मां और भाई को भूख से बचाने के लिए चोरी कि तो वह भावुक हो गए और उसे चोरी के आरोप से मुक्त करते हुए प्रशासन को कहा कि वह तुरंत उसे राशन और कपड़े उपलब्ध कराए।

दंडाधिकारी मिश्रा ने 17 अप्रैल को अधिकारियों को लड़के की मजबूरी को समझते हुए उसे आरोप मुक्त करते हुए उसके परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत आवास, राशन आदि की हर संभव सहायता और सहायता प्रदान करने तथा पुलिस को चार महीने बाद किशोर की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।

नाबालिग अपनी मां और भाई के साथ नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत खटोलना बिगहा गांव में एक छोटे से फूस के घर (कच्ची झोपड़ी) में रहता है। इस्लामपुर पुलिस के सूत्रों ने नाबालिग को स्थानीय बाजार में एक महिला का पर्स छीन लेने की घटना में सीसीटीवी की मदद से पकड़ा था। 

अदालत के निर्देश के बाद इस्लामपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियदर्शी राजेश किशोर के गांव पहुंचे और उसे सभी सरकारी योजनाओं के साथ परिवार को सक्षम करने के लिए दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करने के अलावा भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान की।




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